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नई दिल्ली। अमेरिका की सरकारी एजेंसी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने भारतीय कानून मंत्रालय से मदद की अपील की है ताकि गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और अदानी ग्रुप के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाया जा सके। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यह मामला शेयरों में कथित हेराफेरी और 26.5 करोड़ डॉलर की रिश्वत से जुड़ा हुआ है। न्यूयॉर्क की अदालत में SEC ने बताया कि गौतम अडानी और सागर अडानी को कोर्ट नोटिस भेजने की प्रक्रिया जारी है, क्योंकि दोनों भारत में स्थित हैं।

बीते साल ब्रुकलिन के संघीय अभियोजकों ने अडानी ग्रुप पर भारतीय अधिकारियों को कथित रूप से रिश्वत देने का आरोप लगाया था। आरोपों के मुताबिक, यह रिश्वत अडानी ग्रीन एनर्जी से बिजली खरीदने के लिए दी गई थी। साथ ही, यह भी कहा गया कि अडानी ग्रुप ने अमेरिकी निवेशकों को गुमराह किया और कंपनी की पारदर्शिता को लेकर गलत जानकारी दी। हालांकि, अदानी ग्रुप ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है और कहा है कि वह कानूनी प्रक्रिया का पूरी तरह पालन करेगा।

SEC के अनुसार, 2020 से 2024 के बीच अडानी ग्रुप के कुछ अधिकारियों ने कथित रूप से भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी, जिससे ग्रुप को सोलर पावर के आकर्षक ठेके मिले। इन कॉन्ट्रैक्ट्स से अगले 20 सालों में करीब 2 बिलियन डॉलर का मुनाफा होने का अनुमान था।

अमेरिकी पत्रकारों ने पीएम मोदी से पूछा था सवाल

अमेरिका में पीएम मोदी से भी इस मामले को लेकर सवाल पूछा गया था। एक इंटरव्यू के दौरान, जब पीएम मोदी अमेरिका दौरे पर थे, तो उनसे अदानी ग्रुप से जुड़े आरोपों पर प्रतिक्रिया मांगी गई थी। हालांकि, उन्होंने इस पर सीधा जवाब नहीं दिया और इसे भारत की न्यायिक व्यवस्था पर छोड़ने की बात कही थी।

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