समाचार मिर्ची

समाचार मिर्ची: सबसे तेज़ खबरें, हर पल ताज़ा विश्वसनीय समाचार, हर नजरिए से सही देश-दुनिया की सबसे ताज़ा खबरें खबरें जो आपको बनाए रखें अपडेट राजनीति से लेकर खेल तक, सबकुछ आपको मिलेगा तेज और विश्वसनीय खबरें, बस एक क्लिक दूर हर पल की ताज़ी खबर, बिना किसी झोल के खबरें जो आपको चौंका दें, हर बार जानिए हर अपडेट, सबसे पहले और सबसे सही जहाँ सच्चाई और ताजगी मिलती है

समाचार मिर्ची: सबसे तेज़ खबरें, हर पल ताज़ा विश्वसनीय समाचार, हर नजरिए से सही देश-दुनिया की सबसे ताज़ा खबरें खबरें जो आपको बनाए रखें अपडेट तेज और विश्वसनीय खबरें, बस एक क्लिक दूर हर पल की ताज़ी खबर, बिना किसी झोल के खबरें जो आपको चौंका दें, हर बार जानिए हर अपडेट, सबसे पहले और सबसे सही जहाँ सच्चाई और ताजगी मिलती है

हनुमानगढ़ । राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में एथेनॉल फैक्ट्री के खिलाफ किसानों का विरोध बुधवार को हिंसक रूप ले लिया। सैकड़ों किसानों ने निर्माण स्थल पर हमला कर 14 गाड़ियां आग लगा दीं, जबकि पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। इस झड़प में 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए, जिनमें स्थानीय विधायक भी शामिल हैं।

झड़प तिब्बी क्षेत्र के राठीखेड़ा गांव में दोपहर चार बजे के आसपास भड़की, जहां चंडीगढ़ की ड्यून एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी 40 मेगावाट की अनाज आधारित एथेनॉल प्लांट बना रही है। किसान लंबे समय से इस प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि कंपनी को 2022 से पर्यावरणीय मंजूरी नहीं मिली है। फिर भी निर्माण जारी होने से गुस्साए किसानों ने तिब्बी में महापंचायत की और फिर ट्रैक्टरों पर सवार होकर साइट पर पहुंच गए। वहां उन्होंने फैक्ट्री की दीवार तोड़ दी, जिसके बाद पुलिस से टकराव हो गया।

पुलिस ने भीड़ को रोकने के लिए बैरिकेड लगाए थे, लेकिन किसान उन्हें तोड़ते हुए अंदर घुस आए। जवाब में 700 से ज्यादा जवान तैनात थे, जिन्होंने लाठियां भांजीं और आंसू गैस के गोले छोड़े। किसानों ने पत्थरबाजी की और नजदीकी गाड़ियों में आग लगा दी। जिला प्रशासन के मुताबिक, शाम तक 14 वाहन जल चुके थे। झड़प के दौरान कई किसान और पुलिसकर्मी जख्मी हुए। घायल लोग रातभर नजदीकी गुरुद्वारे में शरण लिए रहे, जहां इलाज चला। तनाव को देखते हुए तिब्बी क्षेत्र में स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए और इंटरनेट सेवाएं भी रोक दी गईं।

कांग्रेस के स्थानीय नेता और किसान संगठनों ने कहा कि विरोध तब तक जारी रहेगा, जब तक फैक्ट्री का काम पूरी तरह बंद न हो। एक किसान नेता ने बताया, “हमारी जमीन और आजीविका खतरे में है। बिना मंजूरी के ये प्लांट बनाना गैरकानूनी है। प्रशासन ने अभी तक कोई लिखित आश्वासन नहीं दिया।” वहीं, जिला कलेक्टर ने कहा, “हम स्थिति को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। गुरुवार को और बिगड़ने की आशंका को देखते हुए अतिरिक्त फोर्स बुलाई गई है।” विधायक का सिर फूटने की खबर ने राजनीतिक रंग भी दे दिया है, हालांकि उनका नाम स्पष्ट नहीं हुआ।

यह घटना किसानों की पुरानी नाराजगी को दर्शाती है, जो राष्ट्रीय एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल योजना के नाम पर अपनी जमीनों पर औद्योगिक घुसपैठ का शिकार हो रहे हैं। स्थानीय लोग चिंतित हैं कि अगर जल्द समाधान न निकला, तो हंगामा पूरे जिले में फैल सकता है। प्रशासन ने किसानों से बातचीत का वादा किया है, लेकिन फिलहाल तनाव कायम है।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version