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पूरे देश में आज दिवाली यानी दीपावली का त्योहार बड़े हर्ष, उल्लास और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। यह प्रकाश का पर्व अंधकार पर प्रकाश, असत्य पर सत्य और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है। हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाई जाने वाली दीपावली भारत के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। घर-घर दीपों की रोशनी से जगमगाते हैं, मिठाइयों की मिठास हर चेहरे पर मुस्कान लाती है, और रिश्तों की गर्माहट इस दिन को और भी खास बना देती है।

आज पूरे देशभर में दिवाली का पर्व बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है. दिवाली खुशियों और रोशनी का त्योहार है. इस दिन हर घर दीपों से जगमगा उठता है, लोग अपने घर सजाते हैं, मिठाइयां बांटते हैं और एक-दूसरे को दिवाली की शुभकामनाएं देते हैं. बाहर काम या पढ़ाई करने वाले लोग भी इस दिन अपने घर लौटते हैं जिससे वह परिवार के साथ मिलकर दीप जलाएं और खुशियां मनाएं. अगर आप अपने प्रियजनों को दिवाली शुभकामनाएं भेजना चाहते हैं तो नीचे दिए गए इन संदेशों को अपने दोस्तों और परिवारों के साथ जरूर शेयर करें.

आज देशभर में दीपावली का शुभ त्योहार मनाया जा रहा है. ग्रहों नक्षत्र की चाल बता रही है कि इस साल दिवाली का त्योहार बेहद खास है. दरअसल, इस बार दिवाली दिवाली का पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी बेहद महत्वपूर्ण है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, इसी दिन भगवान श्रीराम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। उनके स्वागत में पूरे नगरवासियों ने दीप जलाए थे। इसी परंपरा के चलते आज भी हर घर में दीपक जलाए जाते हैं।

खुशियों और रोशनी का पर्व

दिवाली का अर्थ ही है – “दीपों की पंक्ति”। यह त्योहार केवल घर को सजाने का नहीं बल्कि मन को रोशन करने का अवसर है। लोग अपने घरों की सफाई करते हैं, उन्हें दीपों, रंगोलियों, फूलों और लाइटों से सजाते हैं। परिवार के सभी सदस्य नए कपड़े पहनते हैं और मिलकर पूजा-अर्चना करते हैं। लक्ष्मी-गणेश की पूजा के बाद मिठाइयां बांटी जाती हैं और लोग एक-दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं। बाजारों में भी रौनक देखने लायक होती है — हर दुकान पर लाइटों की चमक, मिठाइयों की खुशबू और खरीदारों की भीड़ उत्सव का रंग भर देती है।

लक्ष्मी पूजन का महत्व

दिवाली के दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। मां लक्ष्मी को धन और समृद्धि की देवी माना जाता है, वहीं गणेश जी को विघ्नहर्ता और शुभारंभ के देवता के रूप में पूजा जाता है। शाम को शुभ मुहूर्त में दीप जलाकर लक्ष्मी पूजन किया जाता है। इस समय पूरे वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। पंडितों के अनुसार, इस साल ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति दिवाली को और भी शुभ बना रही है, जिससे लक्ष्मी कृपा प्राप्त करने का यह उत्तम समय है।

मालूम हो कि, उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक पूरा देश दिवाली की रौनक में डूबा हुआ है। अयोध्या में इस साल फिर से रिकॉर्ड संख्या में दीये जलाकर विश्व स्तर पर दीपोत्सव मनाया जा रहा है। दिल्ली, मुंबई, जयपुर, पटना और चेन्नई जैसे बड़े शहरों में बाजारों और मंदिरों की साज-सज्जा देखने लायक है। विदेशों में बसे भारतीय भी अपने-अपने समुदायों में दीपावली का जश्न मना रहे हैं, जिससे यह त्योहार एक वैश्विक सांस्कृतिक उत्सव बन चुका है।

बता दें कि, दिवाली का यह पावन पर्व हर व्यक्ति के जीवन में खुशियां, समृद्धि और शांति लेकर आए, यही कामना है। याद रखें, दीपक केवल घर को नहीं बल्कि मन को भी रोशन करता है। अपने भीतर की अच्छाई को जगाएं, दूसरों की मदद करें और जीवन में प्रकाश फैलाएं। यही दिवाली का असली संदेश है।

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