आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के एक बयान के बाद विवाद खड़ा हो गया है। जिस पर देश भर में जमकर घमासान देखने को मिल रहा है। खबरों के अनुसार, मोहन भागवत ने एक बयान में कहा कि भगवान के लिए सभी लोग एक समान है। उनमें कोई जाति या वर्ण नहीं है लेकिन पंडितों ने अलग-अलग श्रेणी बनाई जो कि गलत था। इस खबर न्यूज एजेंसी ANI ने भी ट्वीट किया था। हालांकि अब ANI ने इस ट्वीट को डिलीट कर दूसरा ट्वीट किया है।
ANI ने डिलीट किया मोहन भागवत का ट्वीट
ANI ने ट्वीट कर लिखा है कि “अनुवाद त्रुटि के कारण ट्वीट हटाया गया है।” मोहन भागवत (Mohan Bhagwat, RSS) के बयान को सुधार कर ANI ने एक और ट्वीट किया, जिसके अनुसार मोहन भागवत ने कहा है कि सत्य ही ईश्वर है,सत्य कहता है मैं सर्वभूति हूं। रूप कुछ भी रहे योग्यता एक है। ऊंच नीच नहीं है। शास्त्रों के आधार पर कुछ पंडित जो बताते हैं वो झूठ है। जाति की श्रेष्ठता की कल्पना में ऊंच, नीच में अटक कर हम गुमराह हो गए, भ्रम दूर करना है।
सोशल मीडिया पर लोग इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
@EKVillainOO7 यूजर ने लिखा कि इतना बड़ा बवाल करवाकर, घमासान मचा दिया और अब कह रहे हो कि अनुवाद त्रुटि के कारण ट्वीट हटा दिया गया? @patelajit यूजर ने लिखा कि वाण लौट कर नहीं आते। @shree_shrees यूजर ने लिखा कि कई बार देखा है कि भाई साहब अधिकतर अनर्गल प्रलाप करते हैं और उन्हें स्पष्टीकरण देना पड़ता है। कारण क्या है?@prakashkumarmi3 यूजर ने लिखा कि आपने पूरे समाज को गाली सुनवा दिया, इसके लिए आपको माफी मांगना चाहिए। ब्राह्मण समाज से इतना नफरत आप लोगों को क्यों है? एक यूजर ने लिखा कि अब जब गलत खबर प्रसारित हो चुकी है और विवाद हो चुका तो सुधार करने का क्या मतलब है?https://twitter.com/AHindinews/status/1622435504447959046?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1622435504447959046%7Ctwgr%5Edd44bc211a40b4c6a2401ff860e16b861e7a3a04%7Ctwcon%5Es1_&ref_url=https%3A%2F%2Fwww.jansatta.com%2Ftrending-news%2Fani-deletes-tweet-containing-mohan-bhagwat-statement-as-a-mistake-new-statement-came%2F2644779%2F
@OfficeofAshishP यूजर ने लिखा कि मोहन जी के बयान को गलत ढंग से प्रचारित किया गया, कोई वीडियो क्यों नहीं है? @ShubhamShuklaMP यूजर ने लिखा कि ब्राह्नणों को पहले बदनाम कर दीजिए, उसके बाद करेक्शन करिए। आपके सच बताने तक तो हर कोई गाली दे रहा है,उसका क्या? विनम्र निवेदन है कि संवेदनशील मुद्दों पर कृपया सावधानी से खबर चलाएं। एक यूजर ने लिखा कि मुझे लगता है कि मोदी जी की कॉल पहुंच गई है इनके पास। एक अन्य यूजर ने लिखा जब रायता फ़ैल चुका है तो अब समेटने का क्या ही फायदा?
संघ कार्यकर्ता भी हो गए नाराज…
ये मामला बेहद विवाद की जड़ बन गया है क्योंकि खुद ऐसे लोग जो ब्राह्मण समाज से आते हैं वो अब लिख रहे हैं कि वे आरएसएस से जुड़े थे लेकिन अब वो इसकी सदस्यता का त्याग करेंगे। इसी मीडिया की तरफ से अनुवाद में अपनी गलती मानी गई है, देखना होगा आगे स्थिति कितनी संभलती है।
बता दें कि मोहन भागवत (Mohan Bhagwat, RSS) के बयान के बाद कई नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। रामचरितमानस पर बयान देकर विवादों में आये स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने कहा है कि जाति-व्यवस्था पंडितों (ब्राह्मणों) ने बनाई है। यह कहकर RSS प्रमुख श्री भागवत ने धर्म की आड़ में महिलाओं, आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों को गाली देने वाले तथाकथित धर्म के ठेकेदारों और ढोंगियों की कलई खोल दी है। कम से कम अब तो रामचरित मानस से आपत्तिजनक टिप्पणी हटाने के लिए आगे आएं।’