दिल्ली। कृषि बिलों के विरोध में विपक्षी दलों के सांसदों ने बुधवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया और मार्च निकाला। सांसदों ने किसान बचाओ, मजदूर बचाओ और लोकतंत्र बचाओ के नारे लगाए। सभी अपने हाथों में पोस्टर लिए हुए थे। इससे पहले, विपक्ष ने लगातार तीसरे दिन राज्यसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया।
उधर, विवादित किसान बिलों पर अपनी बात रखने के लिए विपक्ष के नेता आज शाम 5 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलेंगे। राष्ट्रपति कार्यालय ने इसकी जानकारी दी। इसमें बताया गया कि कोरोना प्रोटोकॉल की वजह से सिर्फ पांच नेताओं को मिलने की अनुमति दी गई है। विपक्ष ने सोमवार को चिट्ठी लिखकर राष्ट्रपति से समय मांगा था। साथ ही अपील की थी कि वे कृषि बिलों पर साइन न करें।
नायडू को चिट्ठी लिखकर कहा- श्रम विधेयकों को पारित न करें
इस बीच, राज्यसभा के विपक्षी दलों के सांसदों ने सभापति एम वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर कहा कि वह विपक्षी पार्टी के सांसदों की अनुपस्थिति में श्रम से जुड़े तीन विधेयकों को सदन में पास न होने दें।
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने 24 घंटे का उपवास तोड़ा
कृषि बिलों के विरोध में विपक्षी सांसदों ने रविवार को राज्यसभा में रूलबुक फाड़ दी और उपसभापति का माइक तोड़ने की कोशिश की थी। सांसदों के इस व्यवहार से दुखी हरिवंश ने मंगलवार सुबह 24 घंटे का उपवास रखने का ऐलान किया था। आज सुबह उन्होंने जूस पीकर उपवास खत्म किया।18 दिन का मानसून सत्र आज 10वें दिन ही खत्म किया जा सकता है
संसद का मानसून सत्र आज खत्म किया जा सकता है। संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा है कि सरकार ने संसद की कार्यवाही आज स्थगित करने की सिफारिश करने का फैसला लिया है। लेकिन, इससे पहले लोकसभा में कुछ अहम मुद्दे निपटाने होंगे।
2 मंत्रियों समेत 30 सांसदों और संसद के कई कर्मचारियों के कोरोना पॉजिटिव आने की चिंताओं की वजह से सरकार 18 दिन का सत्र 10 दिन में ही खत्म करना चाहती है। पिछले हफ्ते लोकसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में सभी पार्टियों ने सत्र छोटा करने पर सहमति जताई थी। 14 सितंबर से शुरू हुए मानसून सत्र का शेड्यूल वैसे 1 अक्टूबर तक है।