गणेश चतुर्थी का पर्व, जिसे विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है, पूरे भारतवर्ष में अत्यंत धूमधाम और आस्था के साथ मनाया जाता है। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश का जन्मदिन माना जाता है। इस दिन घरों, मंदिरों और सार्वजनिक पंडालों में गणेशजी की प्रतिमा स्थापित की जाती है और अगले 10 दिनों तक गणेश उत्सव का आयोजन होता है।
गणेश स्थापना की विधि
गणेश चतुर्थी पर पूजा की शुरुआत शुद्धिकरण से की जाती है। शास्त्रों के अनुसार निम्नलिखित चरणों में पूजन करना चाहिए:
1. शुद्धिकरण मंत्र
पूजा शुरू करने से पहले हाथ में जल और कुश लेकर निम्न मंत्र का जप करें:
“ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा।
यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तरः शुचिः॥”
गणेश चतुर्थी का पर्व भक्ति, आनंद और उल्लास का प्रतीक है। बप्पा की स्थापना यदि शास्त्र सम्मत विधि और वैदिक मंत्रों के साथ की जाए तो घर-परिवार पर भगवान गणेश का आशीर्वाद सदैव बना रहता है। इस वर्ष भी भक्त पूरे उत्साह के साथ गणेश स्थापना कर रहे हैं और विघ्नहर्ता से जीवन के सभी कष्ट दूर करने और सुख-समृद्धि प्रदान करने की कामना कर रहे हैं।