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यूपी उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में अत्यावश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम-1966 (ESMA) के तहत अगले 6 महीनों के लिए राज्य के सभी सरकारी विभागों, निगमों और स्थानीय निकायों में हड़ताल पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यह अधिसूचना नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव एम. देवराज द्वारा जारी की गई है, जो 7 दिसंबर 2024 को प्रभावी हुई।

अधिसूचना जारी—सभी विभागों को भेजा गया आदेश

बता दें कि, नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव एम. देवराज द्वारा जारी अधिसूचना में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि राज्य में लागू अत्यावश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम, 1966 के तहत यह प्रतिबंध आगामी छह महीने तक प्रभावी रहेगा। इस अवधि में प्रदेश सरकार के अधीन आने वाले सभी दफ्तरों, निगमों और स्थानीय निकायों के कर्मचारी किसी भी प्रकार की हड़ताल की घोषणा नहीं कर सकेंगे और न ही ऐसे किसी आंदोलन में शामिल हो पाएंगे।

हालांकि सरकार का मानना है कि यह कदम सार्वजनिक हित में है, लेकिन विभिन्न कर्मचारी संगठनों में इस निर्णय को लेकर नाराजगी की संभावना जताई जा रही है। कई यूनियनों का कहना है कि हड़ताल लोकतांत्रिक अधिकार है, और इसे पूरी तरह प्रतिबंधित करना कर्मचारियों के हितों के विपरीत है। वे यह भी दावा कर सकते हैं कि समस्याएँ उठाने या मांगें रखने का एकमात्र तरीका आंदोलन करना ही रह जाता है, जिसे बार-बार एस्मा लगाकर रोका जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार, यदि राज्य में आगामी महीनों में किसी भी विभाग में आंदोलन या हड़ताल का खतरा बढ़ता है, तो सरकार आगे भी इस कानून को लागू रखने पर विचार कर सकती है। प्रशासन का मानना है कि विशेष परिस्थितियों में केवल बातचीत और नीति-निर्माण के माध्यम से ही कर्मचारी समस्याओं का समाधान संभव है, न कि सेवाएँ रोककर दबाव बनाने से।

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