खेती-किसानी को अक्सर जोखिम भरा और कम मुनाफे वाला पेशा माना जाता है। परंतु समय के साथ यह धारणा बदल रही है। अब किसान पारंपरिक धान-गेहूं जैसी फसलों से आगे बढ़कर सब्जियों और बागवानी की ओर रुख कर रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है – कम लागत और ज्यादा मुनाफा। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के बड़ेल गांव के किसान ललित प्रजापति इसका उदाहरण हैं, जिन्होंने सब्जियों की खेती से अपनी आय को कई गुना बढ़ा लिया है।
किसानों को पारंपरिक खेती के बजाय सब्जियों की खेती से अच्छा मुनाफा मिल सकता है. सब्जियों की खेती से किसानों को प्रतिदिन आय होती है. जिले में कई किसान बड़े पैमाने पर हरी सब्जियों की खेती कर रहे हैं, जिनमें बैंगन एक प्रमुख विकल्प है बैंगन की खेती से लाखों रुपये का मुनाफा कमाया जा सकता है. इसकी मुख्य वजह यह है कि बैंगन की मांग पूरे साल बाजारों में बनी रहती है. एक बार बुवाई करने पर इसकी फसल कई महीनों तक मिलती रहती है, जिससे किसानों को लगातार आय होती है.
सालभर रहती है बैंगन की मांग
सब्जी बाजार में बैंगन की मांग पूरे साल बनी रहती है। चाहे गर्मी हो, सर्दी या बरसात – बैंगन हमेशा उपलब्ध होता है और ग्राहकों की थाली में इसकी मौजूदगी बनी रहती है।
ललित प्रजापति कहते हैं – “बैंगन की खासियत यह है कि इसे एक बार लगाने के बाद तीन से चार महीने तक लगातार फसल मिलती रहती है। इससे किसानों को हर हफ्ते और हर महीने आमदनी होती है। जबकि धान-गेहूं जैसी फसलों में एक बार में ही कमाई होती है।”
देखभाल और चुनौतियाँ
हालांकि बैंगन की खेती जितनी लाभदायक है, उतनी ही इसमें मेहनत और देखभाल की भी जरूरत होती है।
- बैंगन में कीट और रोग लगने का खतरा ज्यादा रहता है।
- फसल के दौरान पौधों की निराई-गुड़ाई और समय-समय पर दवा का छिड़काव करना पड़ता है।
- पानी और खाद का सही संतुलन रखना बेहद जरूरी होता है।
ललित प्रजापति का कहना है कि बैंगन की फसल में सबसे बड़ी चुनौती रोग प्रबंधन है। अगर समय पर दवाओं का छिड़काव न किया जाए तो पूरा खेत खराब हो सकता है। लेकिन यदि देखभाल सही ढंग से की जाए तो यह फसल सोने की खान साबित होती है।
बता दें कि, आज के समय में जब खेती को घाटे का सौदा माना जा रहा है, वहीं सब्जियों की खेती किसानों के लिए नई उम्मीद बन रही है। बैंगन जैसी सब्जियां, जिनकी मांग पूरे साल बनी रहती है, कम लागत में अच्छा मुनाफा दे रही हैं। किसान ललित प्रजापति का अनुभव बताता है कि अगर किसान मेहनत और समझदारी से खेती करें, तो वे सीमित जमीन से भी लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं। यह न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा बल्कि ग्रामीण भारत की तस्वीर भी बदल सकता है।