देशभर के केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के बीच 8th Pay Commission (आठवां वेतन आयोग) को लेकर उत्सुकता लगातार बढ़ती जा रही है। नवंबर 2025 में सरकार ने जब 8वें वेतन आयोग के लिए टर्म ऑफ रेफरेंस (ToR) का नोटिफिकेशन जारी किया, तभी से लाखों कर्मचारियों व पेंशनर्स में उम्मीद भी बढ़ी और कई महत्वपूर्ण सवाल भी खड़े हो गए। अब इन सवालों का जवाब जल्द ही मिलने वाला है, क्योंकि 2 दिसंबर को संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण राज्यसभा में कर्मचारियों से जुड़े इन अहम मुद्दों पर जवाब देंगी।
2 दिसंबर 2025 को, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से पूछा जाएगा कि क्या पेंशन और वेतनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता और राहत (DA और DR) को बेसिक पे में मिला कर तुरंत राहत दी जाएगी या नहीं। साथ ही पूछा जाएगा कि पेंशन सुधार का प्रावधान 8वीं पे कमीशन में शामिल नहीं किया गया है, ऐसा क्यों?
8th Pay Commission की चर्चा क्यों बढ़ी?
कर्मचारियों में उत्सुकता इसलिए बढ़ी है क्योंकि 7वें वेतन आयोग को लागू हुए करीब 9 साल होने वाले हैं। परंपरागत रूप से हर 10 साल बाद नया वेतन आयोग लागू होता रहा है। यही वजह है कि 8th Pay Commission को लेकर चर्चाएँ तेज हैं।
सरकार द्वारा टर्म ऑफ रेफरेंस जारी किए जाने के बाद स्पष्ट हो गया कि 8वां वेतन आयोग तैयार किया जा रहा है और आगामी महीनों में इसकी सिफारिशें सामने आ सकती हैं। इसके बाद से कर्मचारी संगठनों और पेंशनर्स की सबसे बड़ी चिंता यह रही है कि
कब लागू हो सकता है 8th Pay Commission?
अभी तक कोई आधिकारिक तारीख घोषित नहीं की गई है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि:
- 8th CPC की रिपोर्ट 2026 की शुरुआती तिमाही तक आ सकती है
- और इसे 1 जनवरी 2026 से लागू किया जा सकता है
- यह उसी पैटर्न पर होगा जैसे पहले 6th और 7th CPC लागू किए गए थे
हालांकि इसकी पुष्टि 2 दिसंबर के जवाबों के बाद ज्यादा स्पष्ट होगी।
कुल मिलाकर, 8th Pay Commission को लेकर कर्मचारियों और पेंशनर्स की उम्मीदें बेहद ऊँची हैं। उनकी प्रमुख चिंता है—
- वेतन कितना बढ़ेगा
- पेंशन में क्या सुधार होंगे
- महंगाई भत्ता बेसिक में मर्ज होगा या नहीं
- और सरकार तत्काल राहत देगी या इंतजार करना होगा
इन सभी सवालों का जवाब वित्त मंत्री के बयान के बाद साफ हो जाएगा। यह सत्र लाखों परिवारों के लिए महत्वपूर्ण होने वाला है, क्योंकि यही तय करेगा कि आने वाले वर्षों में उनकी आर्थिक स्थिति कैसे बदलेगी।
