छिंदवाड़ा। कहते हैं सफलता संघर्ष मांगती है, और जब आप उस लक्ष्य को हासिल करने की ठान लेते हैं तो दुनिया की कोई ताकत आपको नहीं रोक सकती। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है चारगांव कर्बल निवासी चंद्रकांत डिगरसे ने। उन्होंने भारतीय वन सेवा (Indian Forest Service – IFS) की परीक्षा में सफलता प्राप्त कर पूरे जिले का नाम रोशन किया है। खास बात ये है कि UPSC द्वारा आयोजित इस प्रतिष्ठित परीक्षा में ऑल इंडिया 111वीं रैंक हासिल की है। उनकी सफलता से उनके गांव चारगांव कर्बल समेत पूरे जिले भर में खुशी का माहौल है। चंद्रकांत की इस ऐतिहासिक उपलब्धि से न केवल उनका परिवार बल्कि पूरा गांव, विद्यालय और समाज गौरवान्वित है।

शिक्षक माता-पिता का मिला मार्गदर्शन
चंद्रकांत के माता-पिता — श्रीमती कैकयी डिगरसे और श्री रेशम डिगरसे — दोनों ही पेशे से शिक्षक हैं। पिता पूर्व सैनिक भी रह चुके हैं, जिन्होंने सेवानिवृत्ति के बाद शिक्षा विभाग में सेवाएं देने का बीड़ा उठाया और वे लगातार ग्रामीण क्षेत्र में अपनी सेवा देकर वहां नवाचार के जरिए शिक्षा सुधार का अनुकरणीय कार्य कर रहे हैं। सेवा, अनुशासन और शिक्षा के यही मूल्य चंद्रकांत को विरासत में मिले हैं।

माता-पिता को दिया सफलता का श्रेय
समाचार मिर्ची से खास बातचीत में चंद्रकांत डिगरसे ने माता – पिता को अपनी सफलता का पूरा श्रेय दिया है। उनका मानना है माता-पिता व परिवार ही सफलता की पहली सीढ़ी होते हैं। वो हौसला देते हैं, आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।
चंद्रकांत ने कहा कि वे खुद को खुशनसीब मानते हैं कि शिक्षक माता-पिता मिले; जिनकी प्रेरणा और आशीर्वाद से आज UPSC एग्जाम क्लीयर किया।
युवाओं के लिए प्रेरणा बने चंद्रकांत डिगरसे
ग्रामीण परिवेश से निकलकर चंद्रकांत ने यह सिद्ध किया है कि यदि नीयत सच्ची हो तो निरंतर परिश्रम के जरिए ऊंची से ऊंची मंजिल भी हासिल की जा सकती है। आज के उस दौर में जहां करिअर को लेकर युवा परेशान रहते है थोड़े से संघर्ष में ही घबराकर मेहनत करना छोड़ देते हैं। ऐसी परिस्थितियों में चंद्रकांत एक उदाहरण है कि पूरी निष्ठा के साथ अगर मेहनत करें तो हम अपने लक्ष्य को सौ प्रतिशत हासिल कर सकते हैं।
