उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी का अंतिम संस्कार 8 घंटे तक चले प्रदर्शन के बाद कर दिया गया। पहले तो प्रदर्शनकारी प्रशासन की बात मानने से इंकार कर रहे थे लेकिन जैसे ही प्रशासन ने अच्छे से तफ्तीश करने की बात कही तब परिजन माने। रविवार सुबह से ही परिवार के लोग और प्रदर्शनकारी अंकिता की फोटो लेकर ऋषिकेश बदरीनाथ हाईवे जाम कर प्रदर्शन करने लगे। शव को श्मशान ले जाते वक्त भी प्रदर्शनकारियों ने एंबुलेंस रोकने की कोशिश की इस दौरान एक महिला तो एंबुलेंस के सामने लेट गई बाद में पुलिस ने उसे हटाया। प्रदर्शनकारियों की मौजूद भीड़ ने प्रशासन से भावुक अपील की, अंकिता को न्याय दिलाने की इंसाफ देने की मांग की।
अंकिता के पिता से आरोपियों ने की थी हाथापाई की कोशिश
अंकिता के पिता ने बताया कि उनकी बेटी 18 सितंबर की रात से लापता थी। उन्होंने बताया कि वह सबसे पहले थाने गए फिर पटवारी के पास गए। 19 तारीख को दोबारा जब वहां पहुंचे तो पुलकित आर्य और अंकित पहले से मौजूद थे, इस दौरान उनसे बहस हुई और वह मारने के लिए खड़े हो गए।
रिसोर्ट नहीं दलदल था, जितना अंकित ने चाहा निकलना उतना फंसती चली गई
पुलिस अपनी जांच कर रही है, तो वहीं उसके दोस्त की बातचीत की व्हाट्सएप चैट सामने आ रही है। वायरल चैट मैं अंकिता ने कहा कि रिसोर्ट में आए एक ग्राहक ने शराब के नशे में जबरन उसे हक करने की कोशिश की। ग्राहक ने अतिरिक्त सेवा के लिए ₹10 हजार देने की पेशकश भी की, मगर उसने इंकार कर दिया। अंकिता चैट में एक बात और लिखती है कि उसके साथ अगली बार ऐसा हुआ तो आगे काम छोड़ देगी।
मगर इतना तो साफ है की अंकिता के साथ वहां सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था। ऐसी बातें थी जिससे वो बाहर नहीं निकल पा रही थी। इससे पहले कि वो खुद को सुरक्षित बचा पाती उसकी हत्या की वारदात को आरोपियों ने अंजाम दे दिया। आरोपियों को बचाने की भी अब कोशिश होगी, क्योंकि वो सत्ताधारी पार्टी से ताल्लूख रखते हैं। मगर एक उम्मीद भी है कि जल्द से जल्द अंकिता के आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी।