नई दिल्ली।भारत अपने भारी चावल भंडार को घटाने में सफल हो रहा है इस बार रिकॉर्ड मात्रा में चावल को एथनॉल उत्पादन के लिए आवंटित किया है। भारत की राष्ट्रीय एथनॉल नीति के तहत, सरकार वर्ष 2025 तक पेट्रोल में 20% एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखती है। यह नीति न केवल तेल आयात में कटौती करेगी बल्कि हरित ऊर्जा की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
पिछले कुछ वर्षों में भारत में खाद्यान्न भंडारण की समस्या गहराती जा रही है। खासकर भारतीय खाद्य निगम (FCI) के गोदामों में चावल का भारी स्टॉक जमा है, जिसे संभालना और बनाए रखना सरकार के लिए एक चुनौती बन गया है। अब, सरकार ने इस अतिरिक्त भंडारण का उपयोग ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में करने का विकल्प चुना है।
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बता दें कि, भारत ने इस बार रिकॉर्ड मात्रा में चावल एथनॉल उत्पादन के लिए आवंटित किया है, क्योंकि देश भारी भरकम भंडार से जूझ रहा है। नई फसल के आगमन के साथ इन स्टॉक्स के और बढ़ने की संभावना है। यह हालात एकदम उलट हैं उस समय से जब देश को चावल की कमी के चलते निर्यात पर रोक लगानी पड़ी थी।
गौरतलब हैं कि, मार्च में भारत ने चावल के निर्यात पर लगभग दो साल पुराना प्रतिबंध हटा दिया, जो मानसून की विफलता और उत्पादन में गिरावट के कारण लगाया गया था। इस साल पर्याप्त बारिश के चलते रिकॉर्ड उत्पादन की उम्मीद है।
खाद्य सुरक्षा बनी रहेगी प्राथमिकता
हालांकि सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि भोजन की उपलब्धता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। केवल वही चावल एथनॉल उत्पादन में भेजा जाएगा जो खपत से अधिक और पुराना है तथा जिसकी गुणवत्ता सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में वितरण के लिए उपयुक्त नहीं है।