रूस-यूक्रेन की लड़ाई में रूस ने अब तक का सबसे बड़ा हमला बोला है। जो खबर हमें मिली है उससे पता चला है कि बुधवार की रात को 728 ड्रोन और 13 मिसाइलें यूक्रेन के शहरों पर बरसा दीं! ये तो ऐसा था जैसे आसमान से मौत बरस रही हो! यूक्रेन की हवा में साँय-साँय करते ड्रोन और मिसाइलों ने हाहाकार मचा दिया। खास निशाना था लुत्स्क, वो शहर जो पोलैंड और बेलारूस की सरहद के पास यूक्रेन के उत्तर-पश्चिम में बसा है। अरे, ये कोई साधारण शहर नहीं, भाइयो! वहाँ यूक्रेनी फौज के हवाई अड्डे हैं, जहाँ से मालवाहक और लड़ाकू विमान उड़ान भरते हैं। रूस ने सोचा, क्यों ना इन्हीं अड्डों को ठोक दिया जाए, ताकि यूक्रेन की सप्लाई लाइन की कमर तोड़ दी जाए। ये लुत्स्क तो विदेशी हथियारों और मदद का बड़ा ठिकाना है, जहाँ से सामान देश के कोने-कोने में जाता है। रूस ने इस बार पूरा जोर लगाकर यूक्रेन की हवाई सुरक्षा को चकनाचूर करने की ठानी, ताकि उनकी गाड़ी रुक जाए!
तीन साल से चल रही इस जंग में ये अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला माना जा रहा है। रूस की चाल साफ है कि यूक्रेन की सप्लाई चेन को तोड़ो, उनकी हवाई ताकत को कमजोर करो, और पश्चिमी मुल्कों की मदद को रास्ते में ही अटका दो। जंग के जानकार बोल रहे हैं, ये रूस की नई चाल है, लंबे वक्त तक यूक्रेन पर दबाव बनाने की। मगर यूक्रेन भी कहाँ कम है? उनकी फौज ने दावा किया कि सैकड़ों ड्रोन और मिसाइलें हवा में ही ढेर कर दीं, पर फिर भी नुकसान कम नहीं हुआ।
अब ये तो साफ है, कि यूक्रेन की हवाई सुरक्षा की पोल खुल गई। इतने सारे ड्रोन और मिसाइलों का एक साथ मुकाबला करना किसी के लिए भी टेढ़ी खीर है। ये हमला जंग को और खतरनाक मोड़ पर ले गया है। गाँव के चौराहे से लेकर दुनिया के बड़े-बड़े दफ्तरों तक, सबके कान खड़े हो गए हैं। अब देखना ये है कि अमेरिका और उसके दोस्त यूक्रेन को इस तूफान से कैसे उबारते हैं, और ये जंग आगे क्या रंग दिखाती है।
किसी भी स्थिति में लड़ाई आखिरी समाधान नहीं होता है इससे किसी का भी भला नहीं होता है… सिवाए नुकसान के। दोनों देशों को इस बात को समझना चाहिए कि जनहानी के सिवा कुछ भी हाथ नहीं आने वाला है तो भाई फिर किस बात की लड़ाई करना। आपस में बातचीत के जरिए समाधान खोजना चाहिए।