वाशिंगटन/नई दिल्ली। बात अमेरिका के पुराने ठाकुर साहब डोनाल्ड ट्रंप की, जिनका दिल अभी भी भारत-पाक की सरहद पर अटका है। जिन्हें आए दिन मुखिया बनने का फितुर फजीहत करा रहा है। मगर वो भी बड़े ढिट हैं थोड़े दिन चुप रहते हैं फिर एक ही राग अलापते हैं। अब देखो तो, ट्रंप साहब ने फिर से ढोल पीटना शुरू कर दिया कि उनके राज में भारत-पाक के बीच जंग रुकी, गोली-बारी थमी, और सीजफायर का झंडा लहराया। बोले, “हमने ट्रेड डील के बहाने दोनों मुल्कों को लाइन पर लाया।
अब ये तो वही बात हुई न, कि गंगा में नहाए बिना पाप धुल गए। ऑपरेशन सिंदूर हो हम सभी ने देखा जब हमारी फौज ने पाक की आतंकी हरकतों को सबक सिखाया। सैन्य अफसरों और कूटनीति के जादू से नियंत्रण रेखा पर शांति का सूरज उगा। भारत ने साफ-साफ कह दिया, “भइया, ये हमारा और पाक का आपसी मामला है, किसी तीसरे की जरूरत नहीं पड़ी। लेकिन ट्रंप साहब का राग पुराना, वो तो अपनी तारीफ का ढोल बजा-बजा के थक ही नहीं रहे हैं। कहते हैं, हमने कराया सीजफायर।
अब भारत ने तो पहले ही साफ कर दिया कि सीजफायर का फैसला भारत का खुद का था अमेरिका बार बार इसका क्रेडिट लेने की कोशिश न करे मगर फिर भी ट्रंप साहब मानने को राजी ही नहीं है। ये कोई पहली बार नहीं हुआ है इसके बाद भी हाल ही इजराइल और ईरान युद्ध को लेकर भी ऐसे ही दावे कर रहे थे उनके ये दावे सोशल मीडिया से शुरू होकर वहीं पर खत्म हो गए थे।