नई दिल्ली। संसद का मौजूदा सत्र आज (11 अगस्त) एक अहम विधेयक का गवाह बनने जा रहा है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज नया आयकर बिल 2025 (Revised Income Tax Bill, 2025) लोकसभा में पेश करेंगी। यह विधेयक भारत के प्रत्यक्ष कर ढांचे में दशकों बाद होने वाले बड़े बदलाव का संकेत है, क्योंकि यह आयकर अधिनियम 1961 की जगह लेने वाला है। सरकार का दावा है कि नया कानून न केवल कर संरचना को सरल बनाएगा, बल्कि इसे डिजिटल युग के अनुरूप भी तैयार किया गया है।
गौरतलब हैं कि, पिछले हफ्ते वित्त मंत्री ने यह बिल लोकसभा में रखा था, लेकिन कार्यवाही स्थगित होने के कारण इस पर चर्चा आगे नहीं बढ़ पाई। इसके बाद सरकार ने बिल को पुनः लाने से पहले संसदीय समिति के सुझावों पर गंभीरता से विचार किया और आवश्यक संशोधन किए।
क्यों बदला जा रहा है आयकर कानून?
आयकर अधिनियम 1961 पिछले 60 से अधिक वर्षों से लागू है, लेकिन इस दौरान भारत की अर्थव्यवस्था, व्यापार संरचना और आय के स्रोतों में भारी बदलाव आया है। डिजिटल लेन-देन, स्टार्टअप्स, क्रिप्टोकरेंसी, ग्लोबल इनकम, और अंतरराष्ट्रीय निवेश जैसी नई अवधारणाओं को 1961 के कानून में शामिल करना जटिल हो गया था।
हालांकि बिल की अंतिम प्रति पेश होने के बाद ही सटीक प्रावधान सामने आएंगे, लेकिन सूत्रों के अनुसार इसमें ये प्रमुख बदलाव शामिल हो सकते हैं—
- नए टैक्स स्लैब: आय के विभिन्न वर्गों के लिए कर दरों में संशोधन, जिससे मध्यवर्ग और वेतनभोगी वर्ग को राहत मिले।
- छूट और कटौतियों का सरलीकरण: 80C, 80D जैसी कटौतियों को सरल भाषा और कम शर्तों के साथ पेश किया जा सकता है।
- स्टार्टअप्स के लिए टैक्स हॉलिडे: नए उद्यमियों को शुरुआती वर्षों में टैक्स से आंशिक या पूर्ण छूट।
- पूंजीगत लाभ कर (Capital Gains Tax) में बदलाव: लंबी और छोटी अवधि के कैपिटल गेन पर नई दरें।
- डिजिटल इनकम पर स्पष्ट नियम: क्रिप्टोकरेंसी, NFT, और ऑनलाइन गेमिंग की कमाई पर टैक्स ढांचा तय।
- टैक्स फाइलिंग प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल: फेसलेस असेसमेंट और कम समय में रिफंड।
बता दें कि, यह बिल केवल एक कानूनी बदलाव नहीं, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक स्ट्रक्चरल रिफॉर्म है। सरकार इसे 2025-26 वित्त वर्ष से लागू करने का लक्ष्य रख सकती है। चूंकि यह प्रत्यक्ष कर से संबंधित है, इसलिए इसका सीधा असर करोड़ों वेतनभोगियों, व्यापारियों, निवेशकों और कॉरपोरेट सेक्टर पर होगा।
नया आयकर बिल 2025 केवल टैक्स दरों में बदलाव का प्रस्ताव नहीं है, बल्कि यह भारतीय टैक्स प्रणाली के आधुनिकीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। यदि यह कानून सफलतापूर्वक लागू हुआ, तो यह करदाताओं के लिए सुविधा और सरकार के लिए राजस्व—दोनों बढ़ाने में मदद करेगा।