बिहार कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र एक बड़ा दांव खेला है। पार्टी ने स्पष्ट संकेत दिया है कि पूर्व जेएनयू छात्र नेता और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव कन्हैया कुमार को चुनावी रणनीति में अहम भूमिका दी जाएगी। बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार ने शुक्रवार को बयान देते हुए कहा कि पार्टी में अच्छे वक्ताओं को जनता से जोड़ने और जनहित के मुद्दों को उठाने का काम दिया जाता है, और कन्हैया कुमार उन प्रमुख चेहरों में से एक होंगे।
बिहार में महागठबंधन (महागठबंधन = राजद, कांग्रेस, वाम दल और अन्य सहयोगी दल) में अब तक कांग्रेस ज्यादातर तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर निर्भर रही है। लेकिन सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अब केवल राजद पर निर्भर नहीं रहना चाहती। यही वजह है कि कन्हैया कुमार को महागठबंधन में तेजस्वी के बराबर कद देने की तैयारी है।
बता दें कि, कन्हैया कुमार पलायन रोको यात्रा पर सहरसा में एक मंदिर में गए। उनकी यात्रा के बाद मंदिर को धुलवाया गया। इस पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ‘हमारा देश संविधान से चलता है। डॉ. भीमराव अंबेडकर ने बहुत ही विश्वास के साथ संविधान का निर्माण किया। इसमें छह मौलिक अधिकारों का जिक्र है, जिसमें धार्मिक स्वतंत्रता का भी अधिकार है। लोग मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा या चर्च में जाएं, यह उनकी मर्जी है।’
उन्होंने कहा, ‘बिहार में जो सरकार है, वह सिर्फ धार्मिक एजेंडे पर ही चल रही है। वह छुआछूत और भेदभाव को बढ़ा रही है। एक जमाने में मंदिरों में दलितों का जाना वर्जित था, लेकिन आज बिहार में परशुराम समाज के वंशजों को भी रोका जा रहा है। जिस वर्ग के नेता मंदिर गए और उसके बाद उसे धुलवाया जाए, तो ऐसे मुद्दे को जनता पर छोड़ देना चाहिए। जनता को सोचने की जरूरत है कि हमारा देश कहां जा रहा है?’
वही यह भी बताते चले कि, कन्हैया कुमार इन दिनों पलायन रोको यात्रा पर हैं। हाल ही में वे सहरसा के एक मंदिर में दर्शन करने पहुंचे थे। उनकी यात्रा के बाद मंदिर को धुलवाए जाने की खबर सामने आई, जिसने बिहार की राजनीति को गर्मा दिया।