ग्रेटर नोएडा से समाज को शर्मसार करने वाली खबर सामने आई है। जी हां एक दहेज हत्या का मामला सामने आया हैं जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है विवाहिता निक्की (बदला हुआ नाम) को उसके पति, जेठ और सास ने दहेज की लगातार मांग और प्रताड़ना के बाद आग के हवाले कर दिया। इलाज के दौरान निक्की ने दम तोड़ दिया और यह मामला अब न केवल उत्तर प्रदेश पुलिस बल्कि राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की सख्त निगरानी में आ गया है।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला ग्रेटर नोएडा के एक गांव से जुड़ा है। निक्की की शादी कुछ वर्ष पूर्व एक स्थानीय युवक से हुई थी। विवाह के बाद से ही ससुराल पक्ष द्वारा अतिरिक्त दहेज की मांग की जा रही थी। आरोप है कि जब परिवार उनकी मांग पूरी नहीं कर पाया तो निक्की को लगातार मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा।
समाज पर सवाल
दहेज प्रथा लंबे समय से भारतीय समाज की एक बड़ी कुरीति रही है। कानून होने के बावजूद आए दिन ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं जहां बेटियों की जान सिर्फ इस वजह से ले ली जाती है क्योंकि उनका परिवार दहेज की मांग पूरी करने में सक्षम नहीं होता।
पीड़िता का परिवार इंसाफ की उम्मीद में है। बहन और माता-पिता का कहना है कि दोषियों को ऐसी सजा मिलनी चाहिए जो समाज के लिए नज़ीर बने। वहीं सामाजिक कार्यकर्ताओं और महिला अधिकार संगठनों ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए दोषियों को जल्द फांसी जैसी कठोर सजा देने की मांग की है।
ग्रेटर नोएडा की यह घटना फिर से यह साबित करती है कि दहेज प्रथा आज भी भारतीय समाज में गहरे तक जमी हुई है। कानून और अभियानों के बावजूद यह कुरीति जीवन लील रही है। राष्ट्रीय महिला आयोग का सख्त रुख इस दिशा में सकारात्मक कदम है।
अब देखना यह होगा कि उत्तर प्रदेश पुलिस कितनी जल्दी जांच पूरी कर अदालत में चार्जशीट पेश करती है और न्यायपालिका किस हद तक तेजी से दोषियों को सजा दिलाती है। क्योंकि केवल कठोर और त्वरित सजा ही समाज को यह संदेश दे सकती है कि बेटियां किसी की संपत्ति या दहेज का साधन नहीं, बल्कि सम्मान और सुरक्षा की हकदार हैं।