देश के किसानों को खेती की लागत कम करने में बड़ी मदद मिलने वाली है। GST काउंसिल ने बुधवार को अपनी बैठक में टैक्स स्लैब्स को सरल करते हुए बड़ा फैसला लिया है। अब तक 5%, 12%, 18% और 28% के चार प्रमुख टैक्स स्लैब मौजूद थे। इसमें से 12% और 28% स्लैब को समाप्त कर दिया गया है। अब केवल तीन दरें—5%, 18% और 40% लागू होंगी।
ट्रैक्टर होंगे सस्ते
किसानों के लिए सबसे बड़ी राहत ट्रैक्टर की कीमतों में कमी के रूप में आई है। अब तक ट्रैक्टर खरीदने पर 12% GST देना पड़ता था, जिससे उनकी लागत बढ़ जाती थी। लेकिन नए फैसले के बाद किसानों को सिर्फ 5% GST देना होगा।
खाद और कृषि यंत्र भी होंगे सस्ते
ट्रैक्टर के अलावा कई अन्य कृषि उपकरणों पर भी GST दर घटाई गई है।
- कम्पोस्टिंग मशीनें – पहले 12% GST लगता था, अब सिर्फ 5% लगेगा।
- पावर टिलर और कल्टीवेटर – खेती के लिए जरूरी इन मशीनों पर भी टैक्स में कमी आई है।
- फर्टिलाइज़र (खाद) – कई प्रकार के उर्वरकों की कीमतों में भी कमी आएगी क्योंकि GST रेट घटाकर 5% कर दिया गया है।
GST काउंसिल ने बुधवार को देशवासियों को बड़ा तोहफा दिया है. काउंसिल ने 12 फीसदी और 28 फीसदी का टैक्स स्लैब खत्म करते हुए अब सिर्फ दो स्लैब कर दिए हैं. कई जरूरी सामान पर टैक्स रेट कम कर दिया गया है, वहीं कुछ लग्जरी सामानों पर टैक्स बढ़ा दिया गया है. रेट में कटौती का उद्देश्य आम परिवारों को राहत देना है. साबुन, टूथपेस्ट, नमकीन, चॉकलेट और कॉफी जैसे रोजमर्रा के प्रोडक्ट पर GST रेट 12 प्रतिशत या 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है. GST रेट कट का सबसे ज्यादा फायदा किसानों को भी मिलने वाला है.
ट्रैक्टर और कम्पोस्टिंग मशीनों सहित कई कृषि-संबंधी वस्तुओं पर अब 12 प्रतिशत की बजाय 5 प्रतिशत GST लगेगा. तो चलिए आपको बताते हैं कि कौन-कौन से एग्रीकल्चर सामान पर GST रेट कम कर दिया गया है.
रोजमर्रा की चीजें भी सस्ती
GST काउंसिल ने केवल किसानों के लिए ही नहीं, बल्कि आम परिवारों के लिए भी राहत दी है। रोजमर्रा के उपयोग में आने वाले प्रोडक्ट जैसे—
- साबुन
- टूथपेस्ट
- नमकीन
- चॉकलेट
- कॉफी
लग्जरी वस्तुओं पर टैक्स बढ़ा
जहाँ आम और जरूरी वस्तुओं पर टैक्स घटाया गया है, वहीं लग्जरी प्रोडक्ट्स और महंगे सामान पर टैक्स बढ़ा दिया गया है। ऐसे उत्पादों पर अब 40% GST लगाया जाएगा। इसका उद्देश्य यह है कि आवश्यक वस्तुएँ सस्ती हों और महँगी, विलासिता से जुड़ी चीजों से सरकार को अधिक राजस्व मिले। GST काउंसिल का यह बड़ा फैसला किसानों और आम जनता दोनों के लिए खुशखबरी है। खेती की लागत में कमी, ट्रैक्टर और खाद सस्ता होना और रोजमर्रा की चीजों पर टैक्स कम होना निश्चित ही लोगों को राहत देगा। वहीं महँगी वस्तुओं पर टैक्स बढ़ाकर सरकार ने यह संतुलन बनाने की कोशिश की है कि आम जनता और किसानों पर बोझ न पड़े, लेकिन राजस्व की कमी भी न हो।