भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित ग्रेट निकोबार द्वीप परियोजना पर सियासत और बहस गहराती जा रही है। इस परियोजना के अंतर्गत एक ट्रांसशिपमेंट पोर्ट, अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, पावर प्लांट और टाउनशिप का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। सरकार का दावा है कि यह परियोजना भारत को सामरिक दृष्टि से मजबूत बनाएगी और पूर्वी समुद्री तट पर व्यापार व सुरक्षा के नए अवसर पैदा करेगी। लेकिन, विपक्षी दल कांग्रेस ने इस परियोजना पर गंभीर आपत्तियां जताई हैं।
शशि थरूर की प्रतिक्रिया
बता दें कि, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सोनिया गांधी के लेख को साझा करते हुए कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है। उन्होंने माना कि विकास और सामरिक आधार बनाना भारत की प्राथमिकताओं में होना चाहिए, लेकिन इसके लिए पर्यावरणीय और मानवीय मूल्यों की बलि नहीं दी जा सकती। थरूर ने सोशल मीडिया मंच ‘X’ पर लिखा—
गौरतलब हैं कि, कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को सोनिया गांधी के कॉलम शेयर किया था, जिसमें निकोबार निवासियों के साथ हो रहे कथित अन्याय और ग्रेट निकोबार द्वीप परियोजना के दुष्प्रभावों पर प्रकाश डाला गया है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी सोनिया गांधी के विचारों का समर्थन किया और उनके कॉलम को रीपोस्ट किया। उन्होंने कहा कि यह परियोजना केवल आदिवासी अधिकारों का उल्लंघन नहीं है, बल्कि देश के पर्यावरणीय ताने-बाने और कानूनी प्रक्रियाओं की अनदेखी का भी प्रतीक है।
वही, ग्रेट निकोबार परियोजना एक ओर जहां भारत के सामरिक और आर्थिक हितों को मजबूत करने का वादा करती है, वहीं दूसरी ओर यह आदिवासी समुदायों और पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा भी बन सकती है। अब यह देखना होगा कि सरकार इस परियोजना को आगे बढ़ाते हुए इन आशंकाओं का समाधान करती है या नहीं। विपक्ष का रुख साफ है कि विकास की राह आदिवासियों और पर्यावरण की कीमत पर नहीं होनी चाहिए।