देशभर में कोल्ड्रिफ कफ सिरप से हुई बच्चों की मौतों ने स्वास्थ्य तंत्र और दवा निर्माण कंपनियों की जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मध्य प्रदेश और राजस्थान समेत कई राज्यों में मासूम बच्चों की जान इस जहरीले कफ सिरप ने ले ली। मामले के तूल पकड़ने के बाद अब पुलिस और प्रशासन ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है।
मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने बच्चों की हत्याओं का ठीकरा तमिलनाडु सरकार पर फोड़ा था. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने काफी लापरवाही बरती है. कफ सिरप से मौत का पहला केस मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और बैतूल से सामने आया था, जहां पिछले दो हफ्ते में कई मासूमों की मौत हो गई थी. इसके बाद राजस्थान के कुछ जिलों से भी कफ सिरप पीने के बाद मौत की खबरें आई थीं.
इनाम की घोषणा और सख्त निगरानी
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने श्रीसन मेडिकल्स के मालिक पर इनाम भी घोषित कर रखा था। आरोपियों की मदद करने वालों पर भी 20,000 रुपए का इनाम रखा गया था। सूत्रों का कहना है कि रंगनाथन गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार ठिकाने बदल रहे थे, लेकिन पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और स्थानीय खुफिया नेटवर्क की मदद से उन्हें दबोच लिया।
बता दें कि, कोल्ड्रिफ कफ सिरप कांड ने दवा उद्योग और सरकारी निगरानी तंत्र दोनों की पोल खोल दी है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और कंपनी मालिक की गिरफ्तारी भले ही राहत की खबर हो, लेकिन जब तक पूरे मामले की तह तक जाकर जिम्मेदार लोगों को सजा नहीं मिलती, तब तक यह सवाल बना रहेगा कि क्या मासूम बच्चों की मौतें रोकी जा सकती थीं?