भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच गौतम गंभीर ने हाल ही में दिए एक बयान से क्रिकेट जगत में नई चर्चा छेड़ दी है। उन्होंने कहा कि टीम इंडिया के युवा कप्तान शुभमन गिल ने अभी तक बुरा समय देखा ही नहीं है। गंभीर का यह बयान भारत द्वारा वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज में शानदार 2-0 की क्लीन स्वीप जीत हासिल करने के बाद आया है। गंभीर के इस बयान ने फैंस और क्रिकेट एक्सपर्ट्स के बीच कई सवाल खड़े कर दिए हैं — क्या यह चेतावनी है, सलाह है या एक सच्चाई का आईना?
गिल को इंग्लैंड दौरे पर कप्तानी मिली थी और पांच मैचों की टेस्ट सीरीज को टीम इंडिया ने पिछड़ने के बाद 2-2 से ड्रॉ करा लिया था। इस दौरे पर गिल की कई लोगों ने आलोचना की थी तो कई लोगों ने तारीफ की थी। गंभीर का मानना है कि अभी तक गिल ने अपने आप को एक कप्तान के तौर पर स्थापित नहीं किया है।
इंग्लैंड दौरे से मिली सीख
गिल को कप्तानी की जिम्मेदारी इंग्लैंड दौरे के दौरान दी गई थी। पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में भारत शुरुआती मैचों में पिछड़ गया था, लेकिन बाद में टीम ने शानदार वापसी करते हुए सीरीज को 2-2 से ड्रॉ कराया। इस सीरीज में गिल की कप्तानी को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं सामने आईं — कुछ ने उनके शांत स्वभाव और टीम बैलेंस की सराहना की, तो कुछ ने उन्हें “बहुत सतर्क” कप्तान कहा।
टीम इंडिया का नया दौर
बता दें कि, गिल के नेतृत्व में भारत की टीम धीरे-धीरे बदलाव के दौर से गुजर रही है। कई वरिष्ठ खिलाड़ियों के संन्यास के बाद युवा चेहरों को मौका मिल रहा है। बुमराह, सिराज, जडेजा, और यशस्वी जायसवाल जैसे खिलाड़ी गिल के साथ मिलकर एक नई टीम की नींव रख रहे हैं। गंभीर का मानना है कि “टीम का ट्रांजिशन फेज ही कप्तान की असली परीक्षा होती है। अगर गिल इस फेज को संभाल ले जाते हैं, तो भारत अगले 5-6 साल तक स्थिर और मजबूत टीम बना रहेगा।”