आज पूरे देश में प्रकाश पर्व दीवाली (Diwali 2025) धूमधाम और उल्लास के साथ मनाई जा रही है। यह पर्व न केवल भारत बल्कि विश्वभर में भारतीय समुदाय के लिए आस्था, प्रेम और समृद्धि का प्रतीक है। कार्तिक अमावस्या की इस रात घर-घर दीपों की रोशनी से जगमगा उठेगी। मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा कर लोग अपने जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करेंगे।
दीवाली पर पूजा का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस वर्ष दीवाली पर लक्ष्मी-गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त संध्याकाल में 07 बजकर 08 मिनट से 08 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।
- प्रदोष काल: शाम 05:46 से रात 08:18 तक
- वृषभ काल (लक्ष्मी पूजन हेतु विशेष): शाम 07:08 से 09:03 तक
- निशिता काल पूजन: रात 11:41 से 12:31 तक
पंडितों का मानना है कि वृषभ काल लक्ष्मी पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ समय होता है, क्योंकि यह समय स्थिर लग्न का होता है, जो धन-समृद्धि के स्थायित्व का प्रतीक माना गया है।
पूजा की विधि और सावधानियां
दीवाली पर पूजन से पहले पूरे घर की सफाई करनी चाहिए। विशेषकर पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें। पूजा की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और भगवान कुबेर की नई प्रतिमा स्थापित करें।
- गणेश जी को लक्ष्मी जी के दाहिने (दाईं ओर) स्थापित करें।
- कलश में गंगाजल, सुपारी, सिक्का और अक्षत रखें।
- घर के मुख्य द्वार और आंगन में दीप जलाएं।
- पूजा के समय सफेद या हल्के रंग के वस्त्र धारण करें।
बता दें कि, दीवाली 2025 सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि आशा, एकता और अच्छाई का प्रतीक है। इस दिन के हर दीपक से एक संदेश निकलता है — “अंधकार कितना भी गहरा क्यों न हो, एक दीपक उसे मिटाने के लिए काफी है।” सभी देशवासियों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं! मां लक्ष्मी और भगवान गणेश सभी के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का प्रकाश फैलाएं।