नई दिल्ली। दीपों के त्योहार दीपावली के बाद, दिल्ली में सूर्य उपासना का महापर्व छठ पूजा 2025 की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं। दिल्ली सरकार ने राजधानी के यमुना घाटों और अन्य प्रमुख स्थानों पर इस महापर्व के आयोजन के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। इस साल लगभग 1000 से अधिक स्थानों पर छठ महापर्व का आयोजन किया जाएगा, जिसमें श्रद्धालुओं के लिए स्वच्छता, सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित की जाएगी।
मंत्री कपिल मिश्रा ने मंगलवार को भाजपा के पूर्वांचल प्रकोष्ठ के साथ बैठक में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दिल्ली में इस वर्ष लगभग 1000 से अधिक स्थानों पर छठ महापर्व का आयोजन होगा। सभी घाटों पर पूर्वांचल की लोक संस्कृति और परंपरा को बढ़ावा देने के लिए कलाकारों द्वारा लोकगीत, नृत्य और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां आयोजित की जाएंगी।
सरकारी तैयारियां और यमुना निर्मलीकरण अभियान
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट कर राजधानी के विकास, यमुना निर्मलीकरण अभियान और छठ पूजा 2025 की तैयारियों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार यमुना को स्वच्छ और जीवनदायिनी बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है।
सांस्कृतिक और लोकजीवन की झलक
इस साल दिल्ली सरकार ने छठ महापर्व के दौरान कला, संस्कृति और भाषा विभाग के तहत सांस्कृतिक गतिविधियों की भी व्यवस्था की है। प्रमुख घाटों पर:
- लोकगीत और नृत्य प्रस्तुतियां
- सांस्कृतिक कार्यक्रम और फोक परफॉर्मेंस
- स्थानीय कलाकारों की भागीदारी
सुनिश्चित की जाएगी।
सुरक्षा और स्वच्छता व्यवस्था
- घाटों पर सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम लागू किया गया है।
- एमसीडी और एनडीएमसी के माध्यम से घाटों की नियमित सफाई और धुलाई सुनिश्चित की जाएगी।
- मोबाइल टॉयलेट, फायर सेफ्टी और बैरिकेडिंग की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।
- स्वास्थ्य और आपातकालीन सेवाओं की सुविधा भी श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध होगी।
बता दें कि. दिल्ली में छठ महापर्व 2025 को भव्य, सुरक्षित और समृद्ध बनाने के लिए राजधानी सरकार द्वारा व्यापक तैयारियां और व्यवस्थाएं की जा रही हैं। लगभग 1000 से अधिक स्थानों पर आयोजित होने वाले इस महापर्व में श्रद्धालु यमुना के दोनों तटों पर पूजा करेंगे। स्वच्छता, सुरक्षा, सांस्कृतिक कार्यक्रम और स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ, यह पर्व धार्मिक और सामाजिक सामंजस्य का प्रतीक बनेगा। राजधानी के लोगों और पूर्वांचल समुदाय के लिए यह अवसर उत्साह, श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक साबित होगा।