सोने और चांदी की कीमतों में इस हफ्ते भारी गिरावट देखने को मिली है। घरेलू बाजार में जहां सोना अपने रिकॉर्ड स्तर से ₹13,000 तक सस्ता हो चुका है, वहीं चांदी के भाव में ₹29,000 प्रति किलोग्राम तक की गिरावट आई है। अंतरराष्ट्रीय संकेतों, ब्याज दरों में कटौती की संभावनाओं और निवेशकों की मुनाफावसूली के चलते ये दोनों कीमती धातुएं दबाव में हैं।
यह गिरावट दो महीने की मज़बूत तेजी के बाद आई है और व्यापारी मुनाफावसूली के कारण है. मेहता इक्विटीज़ लिमिटेड के उपाध्यक्ष (कमोडिटीज़) राहुल कलंत्री ने क निवेशक की नजर केंद्रीय बैंकों के रेट कटौती को लेकर है. हाल ही में आए नरम महंगाई के आंकड़ों के बाद अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में 25 आधार हैं
गिरावट के पीछे क्या हैं कारण?
पिछले दो महीनों में सोने और चांदी में लगातार तेजी देखने को मिली थी, लेकिन अब निवेशकों ने मुनाफावसूली शुरू कर दी है। मेहता इक्विटीज़ लिमिटेड के उपाध्यक्ष (कमोडिटीज़) राहुल कलंत्री के अनुसार, “पिछले दो महीनों में सोना-चांदी में हुई तेज़ बढ़त के बाद अब निवेशक लाभ बुक कर रहे हैं। इसके साथ ही वैश्विक बाजारों से मिले संकेत भी कमजोर हैं।”
उन्होंने कहा कि अमेरिका में ब्याज दरों में संभावित कटौती और डॉलर की मजबूती के कारण निवेशक सुरक्षित निवेश साधनों की ओर झुक रहे हैं, जिससे सोने पर दबाव बना हुआ है।
डॉलर और रुपये की चाल का असर
डॉलर इंडेक्स इस समय 106 के आसपास बना हुआ है। डॉलर की मजबूती से सोना महंगा होता है, क्योंकि सोने की कीमत डॉलर में तय होती है। दूसरी ओर, भारतीय रुपये में कमजोरी के कारण घरेलू बाजार में सोने की कीमतों में गिरावट सीमित रही है।
फिलहाल, रुपया 83.28 प्रति डॉलर के स्तर पर कारोबार कर रहा है।
वैश्विक बाजार में सोने-चांदी की स्थिति
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने और चांदी के दामों में नरमी देखने को मिल रही है।
- स्पॉट गोल्ड 0.5% की गिरावट के साथ $2,392 प्रति औंस पर ट्रेड कर रहा है।
- स्पॉट सिल्वर 1.1% गिरकर $28.56 प्रति औंस पर पहुंच गया।
विश्लेषकों का कहना है कि डॉलर और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड्स में हल्की बढ़त ने सोने पर दबाव बढ़ाया है। वहीं, मध्य पूर्व और एशिया के कुछ हिस्सों में भू-राजनीतिक तनाव कम होने से भी सोने की सेफ हेवन डिमांड घटी है।
भारत में धनतेरस और दिवाली जैसे त्योहारी अवसरों से पहले आई इस गिरावट को उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है। ज्वैलरी कारोबारियों का कहना है कि पिछले कुछ हफ्तों से ग्राहकों ने खरीदारी टाल रखी थी, लेकिन अब दाम घटने से बाजार में खरीदारी का रुझान बढ़ेगा।
शेषज्ञों के अनुसार, यह गिरावट अस्थायी हो सकती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में आर्थिक सुस्ती और ब्याज दरों में संभावित कटौती के चलते लंबे समय में सोने की कीमतें फिर से ऊपर जा सकती हैं। राहुल कलंत्री कहते हैं, “लघु अवधि में सोना ₹1,17,000 से ₹1,22,000 प्रति 10 ग्राम के दायरे में रह सकता है। यदि सोना ₹1,17,000 के स्तर से नीचे बंद होता है, तो और गिरावट संभव है। लेकिन दीर्घकाल में यह अभी भी मजबूत निवेश विकल्प बना रहेगा।”
