पटना। बिहार की राजनीति में एक बार फिर नई हलचल देखने को मिली है, लेकिन इस बार चर्चा का केंद्र न तो कोई गठबंधन है और न ही कोई सीटों का बंटवारा। इस बार सुर्खियों में हैं लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान, जिन्होंने अपने हालिया बयान से राजनीतिक अटकलों पर विराम लगा दिया है। चिराग ने साफ कहा है कि उन्हें बिहार का डिप्टी सीएम बनने का कोई इरादा नहीं है, उनका एकमात्र लक्ष्य है बिहार के विकास और जनता की सेवा।
उन्होंने जोर देकर कहा कि पार्टी का फोकस केवल चुनावी रणनीति और सत्ता पर कब्ज़ा करने में नहीं है, बल्कि बिहार की जनता को स्थिर और जवाबदेह नेतृत्व प्रदान करना है।चिराग पासवान ने इंटरव्यू के दौरान यह भी बताया कि उनकी पार्टी ने बिहार के विकास के लिए एक विस्तृत ‘विजन डॉक्यूमेंट 2025’ तैयार किया है। इस दस्तावेज़ में रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग और कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए ठोस योजनाएं शामिल की गई हैं।
युवाओं को केंद्र में रखकर चुनाव रणनीति
2025 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए LJP ने युवाओं को अपनी रणनीति के केंद्र में रखा है। पार्टी की योजना है कि इस बार चुनाव प्रचार में ‘युवा बिहार, नया बिहार’ स्लोगन को प्रमुखता दी जाए।
चिराग ने कहा कि बिहार के युवा राज्य की असली ताकत हैं। वे न केवल मतदान के माध्यम से, बल्कि नीति निर्धारण में भी सक्रिय भूमिका निभाएं, यही पार्टी का मकसद है।
एनडीए गठबंधन में LJP की भूमिका
बिहार में एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) में शामिल LJP (रामविलास) की स्थिति पिछले कुछ वर्षों में मजबूत हुई है। हालांकि, चिराग ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी गठबंधन में रहते हुए भी अपनी स्वतंत्र पहचान बनाए रखेगी।
जनता में लोकप्रियता बढ़ी
पिछले कुछ महीनों में चिराग पासवान की लोकप्रियता में लगातार वृद्धि हुई है। सोशल मीडिया पर उनकी सक्रियता और युवाओं से सीधा संवाद करने की शैली उन्हें अन्य नेताओं से अलग बनाती है।
LJP के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि पार्टी युवाओं और महिलाओं को टिकट वितरण में प्राथमिकता देने की योजना बना रही है। इसका मकसद राज्य की राजनीति में नई पीढ़ी को लाना है।
बता दें कि, चिराग पासवान का यह स्पष्ट बयान कि उन्हें “डिप्टी सीएम बनने की कोई इच्छा नहीं” है, न केवल राजनीतिक अटकलों पर विराम लगाता है, बल्कि बिहार की नई पीढ़ी के नेताओं के लिए एक सकारात्मक उदाहरण भी पेश करता है। राजनीति में जहां अक्सर पद और सत्ता की होड़ रहती है, वहीं चिराग पासवान ने दिखाया है कि एक नेता का असली उद्देश्य जनता की सेवा और विकास का संकल्प होना चाहिए।
