ताइवान को लेकर चीन और जापान के बीच तनाव खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। जापान की प्रधानमंत्री साने ताकाइची द्वारा ताइवान की सुरक्षा को लेकर दिए गए बयान और चीन की ओर से आई बेहद तीखी प्रतिक्रिया ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ा दी है। यह विवाद केवल कूटनीतिक बहस तक सीमित नहीं रहा, बल्कि दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को तलब किया है। साथ ही सैन्य और आर्थिक प्रभाव वाला माहौल भी तेजी से बदल रहा है।
वहीं, चीन के फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर्स ने कुछ जापानी फिल्मों की रिलीज रोक दी है। चीनी सरकारी टीवी CCTV ने कहा कि यह घरेलू माहौल को देखते हुए यह फैसला सावधानी से लिया गया है।विवाद गहराने के साथ ही चीन ने अपने नागरिकों को जापान यात्रा से बचने की चेतावनी जारी की। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि जापान में “विरोधी माहौल” बन रहा है और चीनी नागरिकों को वहां जाने पर खतरा हो सकता है। यह कदम बताता है कि चीन इस मामले को कितना गंभीर मान रहा है।
चीनी फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर्स ने जापानी फिल्में रोकीं
तनाव केवल सैन्य और कूटनीतिक मोर्चे तक सीमित नहीं रहा। चीन की फिल्म डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों ने कुछ जापानी फिल्मों की रिलीज को रोक दिया है। चीनी सरकारी टीवी CCTV ने कहा कि यह फैसला घरेलू भावनाओं और सुरक्षा माहौल को देखते हुए लिया गया है। यह कदम दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और कारोबारी संबंधों पर भी सीधे प्रभाव डाल सकता है।
बता दें कि, ताइवान को लेकर चीन और जापान के बीच बढ़ता तनाव नई भू-राजनीतिक चुनौती बन चुका है। जापानी PM के बयान, चीनी राजनयिक की धमकी, सेनकाकू इलाके की समुद्री हलचल, अमेरिका की प्रतिबद्धता और फिल्म रिलीज रोकने जैसे कदम बताते हैं कि स्थिति तेजी से बिगड़ रही है। आने वाले दिनों में कूटनीतिक बातचीत या किसी नए टकराव—दोनों की संभावनाएं बनी हुई हैं।
