बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को दी गई मौत की सजा के बाद देश का राजनीतिक माहौल लगातार उथल-पुथल में है। अंतरिम सरकार ने सोमवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए मीडिया संस्थानों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। सरकार ने सभी प्रिंट, टीवी और ऑनलाइन मीडिया हाउसों को चेतावनी दी है कि वे शेख हसीना के किसी भी बयान, वीडियो या संदेश को प्रकाशित या प्रसारित न करें।
पार्टी ने अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस और मंत्रियों से तुरंत इस्तीफे की मांग की है। अवामी लीग के नेता जहांगीर कबीर नानक ने पार्टी के फेसबुक पेज पर एक वीडियो जारी कर कहा कि यह फैसला पक्षपातपूर्ण और राजनीतिक बदला लेने वाला है। नानक ने अदालत की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाए कि,
इंटरपोल से मदद लेकर हसीना और पूर्व गृह मंत्री को वापस लाने की तैयारी
अंतरिम सरकार अब हसीना को देश वापस लाने के लिए इंटरपोल की सहायता लेने की तैयारी में है।
ICT के प्रोसीक्यूटर गाजी MH तमीम ने बताया कि:
- विदेश मंत्रालय के माध्यम से इंटरपोल को फैसले की कॉपी भेजी जाएगी
- हसीना और पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट भी भेजा जाएगा
- इंटरपोल की रेड कॉर्नर नोटिस प्रक्रिया शुरू की जाएगी
अंतरिम सरकार का मानना है कि फैसले के बाद हसीना के देश से बाहर रहने से न्याय प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है और उन्हें जल्द से जल्द बांग्लादेश लाना आवश्यक है। अंतरिम सरकार के मीडिया प्रतिबंध, इंटरपोल से मदद लेने की कोशिश, अवामी लीग का विरोध और ICT की विवादित प्रक्रिया—ये सभी संकेत हैं कि बांग्लादेश एक गहरी राजनीतिक खाई की ओर बढ़ रहा है। हसीना का मामला सिर्फ एक कानूनी मुद्दा नहीं, बल्कि दक्षिण एशिया की राजनीति के सबसे महत्वपूर्ण घटनाक्रमों में से एक बन चुका है।
