कर्नाटक के उडुपी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि देश की सुरक्षा, नीति-निर्माण और “नए भारत” की वैश्विक पहचान को लेकर दिए गए उनके संदेशों ने इसे चर्चाओं का केंद्र बना दिया। लंबे अंतराल के बाद पीएम मोदी का उडुपी आगमन एक राजनीतिक और सांस्कृतिक घटना बन गया। श्री कृष्ण मठ के भव्य वातावरण में पहुंचे प्रधानमंत्री ने जहाँ “लक्ष गीता पाठन” में भाग लेकर आध्यात्मिक भावनाओं को छुआ, वहीं दूसरी ओर अपने संबोधन में भारत की सुरक्षा और सामरिक शक्ति की नई परिभाषा पेश की।
सबका साथ-सबका विकास
पीएम मोदी ने आगे कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा नीति का मूल भाव यही है कि हम वसुधैव कुटुम्बकम भी कहते हैं और हम धर्मो रक्षति रक्षितः का मंत्र भी दोहराते हैं। आज ‘सबका साथ-सबका विकास, सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय’ जैसी हमारी नीतियों के पीछे भी भगवान श्री कृष्ण के इन्हीं श्लोकों की प्रेरणा है।
पहलगाम हमले का जिक्र — आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस नीति
पीएम मोदी ने हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र किया जिसमें कई निर्दोष नागरिक मारे गए थे। उन्होंने कहा—
“पहले ऐसी घटनाओं पर सरकारें चुप रहती थीं, लेकिन यह नया भारत है। हम अपने लोगों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं और किसी भी खतरे के सामने झुकते नहीं हैं।”
उनका यह बयान सरकार की आतंकवाद के खिलाफ कठोर नीति और सख्त रणनीति की ओर इशारा करता है।
उडुपी में प्रधानमंत्री मोदी का संदेश कई स्तरों पर महत्वपूर्ण रहा। उनके भाषण में—
- आध्यात्मिक भाव,
- राष्ट्रीय सुरक्षा,
- सामरिक तत्परता,
- आधुनिक भारत का आत्मविश्वास,
- समावेशी विकास,
- युवाओं का महत्व,
- और भारत की वैश्विक पहचान
—इन सभी को एक सूत्र में पिरोया गया।
