ढाका, बांग्लादेश में धानमंडी 32 स्थित शेख़ मुजीबुर रहमान का ऐतिहासिक घर, जिसे बंगबंधु मेमोरियल म्यूज़ियम के रूप में जाना जाता था, अब पूरी तरह प्रदर्शनकारियों द्वारा ध्वस्त कर दिया गया है। यह वही घर है जहाँ बांग्लादेश के संस्थापक नेता शेख़ मुजीबुर रहमान रहते थे और जिसे राष्ट्रीय धरोहर माना जाता था।
फरवरी 2025 में इस घर का एक बड़ा हिस्सा बुलडोज़र से गिरा दिया गया था। अगस्त 2025 में हुए जनआंदोलन के दौरान अवामी लीग सरकार सत्ता से बाहर हो गई और उसी समय धानमंडी 32 पर हमला हुआ था। अब हालिया विरोध प्रदर्शनों में प्रदर्शनकारियों ने शेष हिस्सों को भी तोड़ दिया और पूर्व प्रधानमंत्री शेख़ हसीना का पोस्टर आग के हवाले कर दिया।
विरोध की वजह क्या है?
यह विरोध इंक़िलाब मंच के नेता शरीफ़ उस्मान बिन हादी की मौत के बाद और तेज़ हो गया। उनकी मौत ने देशभर में गुस्से की लहर पैदा कर दी, जिसके चलते मीडिया हाउसों और सरकारी प्रतिष्ठानों पर भी हमले हुए।
इस घर के पूरी तरह गिर जाने से बांग्लादेश की सांस्कृतिक और राजनीतिक विरासत को गहरा नुकसान पहुँचा है। यह घटना न केवल जनता के गुस्से और असंतोष को दर्शाती है बल्कि देश की राजनीतिक अस्थिरता और कानून-व्यवस्था की चुनौती को भी उजागर करती है।
