नई दिल्ली/ढाका: शेख हसीना के सत्ता से चले जाने के बाद बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता का दौर जारी है। अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में देश जहां आंतरिक चुनौतियों से जूझ रहा है, वहीं भारत के साथ संबंधों में लगातार गिरावट देखी जा रही है। हाल के महीनों में बंगाल की खाड़ी में समुद्री सीमा पर घटनाएं बढ़ी हैं
शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद अगस्त 2024 से बांग्लादेश में छात्रों के नेतृत्व में आंदोलन ने सत्ता परिवर्तन कर दिया। हसीना भारत में शरण ले चुकी हैं, जिसे बांग्लादेश की अंतरिम सरकार बार-बार प्रत्यर्पण की मांग कर रही है। इस बीच, देश में भारत विरोधी भावनाएं चरम पर पहुंच गई हैं। दिसंबर 2025 में शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद भड़की हिंसा ने इस आग में घी डाल दिया। हादी, जो इंकलाब मंच के प्रमुख नेता थे और भारत विरोधी बयानबाजी के लिए जाने जाते थे, की हत्या के बाद ढाका सहित कई शहरों में प्रदर्शन हुए।
गौरतसलब हैं कि, इस घटना के ठीक अगले दिन, 16 दिसंबर को भारतीय तटरक्षक बल ने उत्तरी बंगाल की खाड़ी में दो बांग्लादेशी मछली पकड़ने वाली नावों को पकड़ा, जिनमें 35 मछुआरे सवार थे। इन नावों से अवैध रूप से मछली पकड़ने के सबूत मिले। पिछले तीन महीनों में भारतीय तटरक्षक ने आठ बांग्लादेशी नावें और 170 से अधिक मछुआरों को पकड़ा है।
