दिल्ली। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम किसान योजना) देश के छोटे और सीमांत किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक सहारा है। इस योजना के तहत पात्र किसान परिवारों को हर साल 6000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जो तीन समान किस्तों में 2000-2000 रुपये के रूप में सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है। योजना की शुरुआत 24 फरवरी 2019 में हुई थी और तब से अब तक लाखों किसानों को इसका लाभ मिल रहा है।
पीएम किसान योजना की किस्तें आमतौर पर हर चार महीने के अंतराल पर जारी की जाती हैं। योजना के नियमों के अनुसार, पहली किस्त अप्रैल-जुलाई, दूसरी अगस्त-नवंबर और तीसरी दिसंबर-मार्च के बीच जारी होती है। 2025 में तीनों किस्तें जारी हो चुकी हैं – पहली फरवरी में (19वीं कुल किस्त), दूसरी अगस्त में (20वीं) और तीसरी नवंबर में (21वीं)। इसलिए 22वीं किस्त 2026 की पहली किस्त होगी, जो दिसंबर-मार्च पीरियड की होगी।
योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को खेती से जुड़े खर्चों जैसे बीज, खाद, दवा और अन्य जरूरतों के लिए आर्थिक मदद प्रदान करना है। छोटे और सीमांत किसानों (जिनके पास 2 हेक्टेयर से कम जमीन है) के लिए यह राशि बहुत महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि यह उन्हें महंगे कर्ज से बचाती है और फसल चक्र के दौरान नकदी की कमी को पूरा करती है। एक स्वतंत्र अध्ययन (आईएफपीआरआई द्वारा) में पाया गया कि पीएम किसान की राशि से किसानों की कर्ज लेने की बाधाएं कम हुईं और कृषि निवेश बढ़ा।
22वीं किस्त का लाभ लेने के लिए किसानों को कुछ जरूरी शर्तें पूरी करनी होंगी। सबसे महत्वपूर्ण है ई-केवाईसी पूरा करना, जो अब अनिवार्य है। अगर ई-केवाईसी नहीं हुई तो किस्त अटक सकती है। इसके अलावा आधार को बैंक खाते से लिंक करना, जमीन के रिकॉर्ड का सत्यापन और अब नई किसान रजिस्ट्री में शामिल होना भी जरूरी है। किसान रजिस्ट्री राज्य पोर्टल या नजदीकी सीएससी सेंटर पर जाकर पूरी की जा सकती है।
2026 में 22वीं किस्त का इंतजार कर रहे किसानों के लिए यह राशि नई फसल सीजन की शुरुआत में बड़ी राहत लेकर आएगी। अगर आप पात्र हैं तो अभी से तैयारी शुरू कर दें – ई-केवाईसी, आधार लिंकिंग और किसान रजिस्ट्री पूरी करें। आधिकारिक अपडेट के लिए pmkisan.gov.in ही विश्वसनीय स्रोत है। इस योजना से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिल रहा है।
