नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच मई 2025 में हुए संक्षिप्त लेकिन तीव्र सैन्य टकराव की चर्चा एक बार फिर जोरों पर है। अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम (पहलगाम) के बैसारन घाटी में हुए अमानवीय आतंकी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई, जिनमें ज्यादातर हिंदू पर्यटक थे। आतंकियों ने पीड़ितों से उनकी धार्मिक पहचान पूछी और उसके आधार पर गोलीबारी की, जो स्पष्ट रूप से सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की कोशिश थी।
टकराव बढ़ने पर पाकिस्तान ने भारत पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए, जिसके जवाब में भारत ने 9-10 मई की रात को और मजबूत कार्रवाई की। भारतीय वायुसेना ने सुखोई-30 एमकेआई विमानों से ब्रह्मोस सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइलें और राफेल से SCALP मिसाइलों का प्रयोग किया। इन हमलों में पाकिस्तान के 11 प्रमुख एयरबेस को निशाना बनाया गया, जिनमें नूर खान (रावलपिंडी के चकला इलाके में), रफीकी, मुरिद, सरगोधा, जैकबाबाद, भोलारी, सुक्कुर, चूनियां, पासरूर, स्कर्दू आदि शामिल थे।
जानकारी दे दें कि, पाकिस्तान इसे “माइनर डैमेज” बता रहा है, लेकिन भारतीय रक्षा विशेषज्ञों (जैसे लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन) ने इसे झूठ बताया, क्योंकि पाकिस्तानी मीडिया ने खुद 138 जवानों को मरणोपरांत गैलेंट्री अवॉर्ड्स दिए थे। सैटेलाइट इमेजरी से भी नूर खान और अन्य बेसों पर पुनर्निर्माण कार्य दिखाई दे रहे हैं।
बता दें कि, दोनों देशों के बीच 10 मई 2025 को सीजफायर हो गया, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर की यादें बनी हुई हैं। भारत की स्वदेशी ब्रह्मोस जैसी तकनीक ने अपनी सटीकता साबित की, जबकि पाकिस्तान को अपनी कमजोरियां दिखाईं। क्षेत्रीय स्थिरता के लिए दोनों देशों को सीजफायर का पालन करना जरूरी है, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ता स्पष्ट है।
