Sunday, November 17, 2024
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वैक्सीन बनकर लगभग तैयार, पढ़िए हिंदुस्तानी बेटे का कमाल

जयपुर। ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रा जेनका की वैक्सीन का तीसरे चरण के तहत इंसानी परीक्षण ब्राजील में चल रहा है। लंदन में रह रहे जयपुर मूल के दीपक पालीवाल ने उक्त ट्रायल के लिए खुद को समर्पित किया है। दीपक ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के नेतृत्व में मानव पर वैक्सीन के परीक्षण के लिए स्वयंसेवक बने हैं।

परीक्षण के सकारात्मक नतीजे मिले हैं। एक-दो दिन में ऑक्सफोर्ड की कोविड-19 रोधी वैक्सीन को लेकर अहम घोषणा हो सकती है। ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन सफल रही तो यह भारत में भी उपलब्ध होगी।

उम्मीद है कि सितंबर तक यह वैक्सीन उपलब्ध होगी। ऑक्सफोर्ड ने कोरोना रोधी वैक्सीन के उत्पादन और वितरण के लिए एस्ट्रा जेनका कंपनी से समझौता किया है। इसने भारत में पुणे आधारित सीरम इंस्टीट्यूट से हाथ मिलाया है। सीरम दुनिया में वैक्सीन बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी है। सीरम में ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन का उत्पादन शुरू है। सभी नतीजे संतोषजनक रहे तो कोरोना रोधी वैक्सीन की सप्लाई फौरी तौर पर शुरू हो सकती है।

कई देशों में टेस्टिंग
ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन-सीएचडीओ कोविड-19 की टेस्टिंग कई देशों में हो रही है। ब्रिटेन में ट्रायल के बाद ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में भी इंसानी परीक्षण हो रहा है। ब्रिटेन में इसका परीक्षण सफल रहा था। ब्राजील से भी सकारात्मक संकेत हैं। हालांकि एस्ट्रा जेनका या ऑक्सफोर्ड से अभी तक शोध के नतीजे घोषित नहीं हुए हैं।

भारत को फायदा

सीरम इंस्टीट्यूट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला एस्ट्रा जेनका से करार की पुष्टि कर चुके हैं। सीरम ऑक्सफोर्ड की कोरोना रोधी वैक्सीन के 100 करोड़ टीके बनाएगी। इनमें से 50 प्रतिशत टीके भारत में उपलब्ध होंगे। बाकी टीके गरीब और विकासशील देशों को दिए जाएंगे।

डगमगाया नहीं दीपक का संकल्प

कोरोना के खौफ से भी 42 वर्षीय दीपक पालीवाल का संकल्प नहीं डगमगाया। एक साक्षात्कार में दीपक ने कहा, मैं सोचता रहा कि कोरोना से लड़ाई में योगदान कैसे दूं। फिर मानव परीक्षण के लिए स्वयंसेवक के रूप में नामांकन करने का फैसला किया। 16 अप्रेल को परीक्षण के बारे में समझा। 26 को जांच के लिए लंदन के एक केंद्र का दौरा किया। पत्नी ने फैसले का विरोध किया जबकि दोस्तों ने साथ दिया। मुझे खतरे बताए गए, एक स्वयंसेवक की मौत की रिपोर्ट भी पढ़ी लेकिन मैं अड़ा रहा। दीपक पत्नी के साथ लंदन, यूनाइटेड किंगडम में रहते हैं। वहां फार्मा कंपनी में कंसल्टेंट हैं। पत्नी भी फार्मा कंपनी में काम करती हैं। अब दीपक 90 दिन बाहर नहीं जाएंगे।

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