भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच लंबे समय से लटके द्विपक्षीय व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement – BTA) की पहली किस्त पर बातचीत ने तेज रफ्तार पकड़ ली है। विश्वसनीय सरकारी सूत्रों के अनुसार, भारत ने अमेरिका से रक्षा उपकरण, वाणिज्यिक विमानों और तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) सहित ऊर्जा उत्पादों की खरीद को काफी बढ़ाने की सहमति जताई है, लेकिन कृषि एवं डेयरी उत्पादों के लिए बाजार पूरी तरह बंद रखने का अपना रुख बरकरार रखा है।यह अपडेट केंद्रीय
पेरिस से 5 गुना बड़ा—एक अद्वितीय प्रोजेक्ट
प्रणव अडानी ने कहा कि अडानी ग्रुप जिस सोलर प्लांट का निर्माण कर रहा है, उसकी विशालता इतनी अधिक है कि इसकी तुलना दुनिया के बड़े शहरों से की जा रही है। उनका कहना है कि यह परियोजना पेरिस से लगभग पांच गुना बड़ा क्षेत्र घेरेगी। यह कोई साधारण बात नहीं है—ऊर्जा उद्योग में इतने विशाल स्तर पर सोलर इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण दुनिया में दुर्लभ है।
वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों का अनुमान है कि इतनी बड़ी सतह पर फैला सोलर प्लांट पृथ्वी के परिदृश्य को भी नए तरीके से परिभाषित करेगा। कुछ विशेषज्ञ यहां तक कहते हैं कि साफ वातावरण में अंतरिक्ष या चांद से भी इसका प्रतिबिंब दिखाई दे सकता है, क्योंकि यह सतह अत्यधिक चमकदार और विशाल क्षेत्र में फैली होगी। यह दावा तकनीकी दृष्टिकोण से विस्मयकारी है और इस बात का संकेत है कि भारत नवीकरणीय ऊर्जा में किस गति से आगे बढ़ रहा है।
अडानी ग्रुप का यह मेगा सोलर प्लांट सिर्फ एक ऊर्जा परियोजना नहीं, बल्कि एक वैज्ञानिक चमत्कार और विकास का प्रतीक है। इसकी विशालता, तकनीक और वैश्विक प्रभाव भारत को विश्व ऊर्जा मानचित्र पर एक नई जगह देगा। 2030 तक दुनिया की सबसे बड़ी रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी बनने का लक्ष्य भी इस परियोजना के साथ और करीब लगता है।
भारत ने अमेरिकी LNG का आयात २०३० तक दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। साथ ही क्रूड ऑयल और रिन्यूएबल एनर्जी उपकरणों की खरीद भी बढ़ेगी। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि रूस से तेल खरीद पर अमेरिका द्वारा लगाया गया २५% पेनल्टी टैरिफ हट सकता है, जिससे भारत को सालाना अरबों रुपये की बचत होगी।
