अमेरिका ने पहली बार सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया है कि उसने भारत पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। व्हाइट हाउस प्रेस सेक्रेटरी कैरोलीन लीविट ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन ने भारत पर प्रतिबंध लगाने का फैसला इसलिए लिया है ताकि रूस पर अप्रत्यक्ष दबाव बनाया जा सके और वह यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की दिशा में मजबूर हो।
हालांकि, इस दौरान रूस-यूक्रेन के बीच सीजफायर पर सहमति नहीं बनी। ट्रम्प ने कहा कि फिलहाल इतनी जल्दी सीजफायर संभव नहीं हमीटिंग में यूक्रेन की सुरक्षा गारंटी पर चर्चा हुई। ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका और यूरोपीय देश मिलकर इस पर काम करेंगे। ट्रम्प ने मीटिंग रोककर पुतिन से फोन पर 40 मिनट बात की। इस दौरान पुतिन ने रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधियों के बीच सीधे बातचीत का समर्थन किया। यह बातचीत अगले 15 दिन के भीतर होगी।
जानकारी के मुताबिक, ट्रम्प ने हाल ही में व्हाइट हाउस में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं से मुलाकात की। यह बैठक यूक्रेन संकट को सुलझाने की दिशा में अहम मानी जा रही थी।
बता दें कि, भारत लंबे समय से रूस का विश्वसनीय व्यापारिक और सामरिक साझेदार रहा है। रूस से भारत कच्चे तेल, हथियार और रक्षा तकनीक आयात करता है। यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद भारत ने रूस से डिस्काउंट पर बड़ी मात्रा में तेल खरीदा।