बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सियासी घमासान अपने चरम पर है। पहले चरण के मतदान के बाद अब चुनावी प्रचार ने और भी जोर पकड़ लिया है। शनिवार को बिहार के सीमांचल इलाके पूर्णिया में आयोजित एक विशाल जनसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महागठबंधन पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कांग्रेस के राहुल गांधी और राजद के तेजस्वी यादव पर सीमांचल क्षेत्र को “घुसपैठियों का अड्डा” बनाने का आरोप लगाया।
अमित शाह ने कहा कि सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह और लालू यादव की सरकारों के दौरान आतंकवादी कश्मीर में खुलेआम घुसते और हमले करके निकल जाते थे। मोदी जी के कार्यकाल में भी, जब उन्होंने उरी पर हमला किया, शाह ने कहा कि बिहार में एनडीए (NDA) गठबंधन 243 सीटों में से 160 से अधिक सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगा। उन्होंने दावा किया कि पहले चरण के मतदान के बाद राज्य के आधे हिस्से ने ही “कांग्रेस-राजद गठबंधन को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।”
सीमांचल पर केंद्रित भाषण, घुसपैठ को बताया चुनावी मुद्दा
अमित शाह का यह बयान सीमांचल इलाके में काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि यह क्षेत्र बांग्लादेश और नेपाल की सीमाओं से सटा हुआ है और लंबे समय से यहां अवैध घुसपैठ और जनसंख्या संतुलन का मुद्दा राजनीतिक विमर्श का केंद्र रहा है।
शाह ने कहा, “एनडीए सरकार सीमांचल को सुरक्षा कवच देगी। हर अवैध प्रवासी की पहचान होगी, मतदाता सूची से नाम हटेंगे और उन्हें निर्वासित किया जाएगा। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की सरकार बनती है तो बिहार की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी।”
उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि सीमांचल की सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए भाजपा और एनडीए को समर्थन देना जरूरी है।
‘पाकिस्तान की गोली का जवाब गोले से देंगे’ – शाह
अपने भाषण के दौरान अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के मुद्दे को भी जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने कांग्रेस और राजद पर आरोप लगाते हुए कहा कि “सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह और लालू यादव की सरकारों के दौरान आतंकवादी कश्मीर में खुलेआम घुसते थे, हमला करते थे और बच निकलते थे।”
उन्होंने कहा, “मोदी जी के कार्यकाल में जब उरी में हमला हुआ, हमने सर्जिकल स्ट्राइक की। जब पुलवामा में हमला हुआ, हमने एयर स्ट्राइक से जवाब दिया। और जब पहलगाम में हमारे तीर्थयात्रियों पर हमला हुआ, तब हमने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाकर पाकिस्तान में घुसकर आतंकवादियों का सफाया किया।”
इस बयान के जरिए अमित शाह ने यह संदेश देने की कोशिश की कि मोदी सरकार की प्राथमिकता राष्ट्र की सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई है।
बता दें कि, पूर्णिया में अमित शाह का यह भाषण बिहार चुनाव 2025 के लिए भाजपा की राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रवाद केंद्रित रणनीति को और स्पष्ट करता है। सीमांचल में घुसपैठ और सुरक्षा जैसे मुद्दे जहां एनडीए की प्राथमिकता में हैं, वहीं महागठबंधन बेरोजगारी, शिक्षा और महंगाई जैसे घरेलू मुद्दों पर जनता को लुभाने की कोशिश में है।
