दोस्तों, आजकल सोशल मीडिया पर बीजेपी के नए कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन की एक पुरानी तस्वीर वायरल हो रही है। जो करीब दस साल पुरानी बताई जा रही है। लोकल ट्रेन में ली गई सेल्फी। इसमें बिहार के एक युवा नेता, जो आज बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बन गए हैं – नितिन नबीन – सीनियर नेताओं के साथ नजर आ रहे हैं। श्रवण कुमार, सुशील मोदी, नंदकिशोर यादव जैसे दिग्गज। सब साथ बैठे, हंसते-बोलते, सेल्फी लेते। कोई प्रोटोकॉल नहीं, कोई VIP गाड़ी नहीं, सिर्फ लोकल ट्रेन और सादगी।
आज ये तस्वीर क्यों वायरल हो रही है? क्योंकि नितिन नबीन अब पार्टी के टॉप लेवल पर पहुंच गए हैं। सिर्फ 45 साल की उम्र में उन्होंने ये उपलब्धी हासिल की है। कहा ये भी जा रहा है कि अब तक के इतिहास में वे सबसे कम उम्र के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हैं। बांकीपुर से पांच बार विधायक, बिहार में मंत्री, और अब राष्ट्रीय स्तर पर जिम्मेदारी। प्रधानमंत्री मोदी ने खुद कहा – युवा, मेहनती कार्यकर्ता। हकीकत भी यही है कि ग्रासरूट से निकले हुए नेता हैं उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा को ABVP से शुरू किया था जो आज दिल्ली तक पहुंच चुकी है।
आज हम बात इसी तस्वीर की इसलिए भी कर रहे हैं कि क्योंकि असली बात ये है कि तस्वीर को लेकर तरह तरह की कहानियां गढ़ी जा रही है कि तस्वीर बीजेपी की संगठनात्मक ताकत को बयां करती है। देखिए, दूसरी पार्टियों में क्या होता है? परिवारवाद, वंशवाद। बेटा-बेटी को टिकट, कुर्सी सौंपी जाती है। उम्र कोई मायने नहीं रखती, बस खानदान। ऐसी न जाने कितनी बाते अभी सोशल मीडिया पर लिखी और पढ़ी जा रही है। लेकिन इन सब से इतर अगर देखे को वंशवाद की ये भी एक तस्वीर ही है क्योंकि नितिन नबीन के पिता भी विधायक थे उनकी अचानक मृत्यू के बाद बेटे नवीन ने यहां से सीट जीती और लगातार खुद को साबित किया है।
आज हम कोई उनकी राजनीति समझ, मेहनत औऱ संघर्ष पर सवाल पैदा नहीं कर रहे हैं लेकिन हां ये जरूर कह सकते हैं कि ये वंशवाद को ठुकराने वाली स्पष्ठ तस्वीर नहीं हो सकती है। हम ये भी नहीं कहते कि बीजेपी पूरी तरह से इसी तरह से वंशवाद वाली पार्टी है बिल्कुल नहीं। यहां संगठन की ट्रेनिंग मिलती है, अनुशासन है, मेहनत को सम्मान देने की संस्कृति है। इसी के दम पर आज बीजेपी क्यों दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है। क्योंकि यहां कार्यकर्ता राज करता है। सादगी से शुरू करके शिखर तक। हालाकि नितिन नबीन को जो लोग करीब से जानते हैं वो ये भी जानते हैं कि वे कितने संघर्षशील इंसान हैं। एक सच्चाई यही है कि ये सेल्फी सिर्फ एक फोटो नहीं, बल्कि लाखों कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा है। ये दिखाती है कि बीजेपी का संगठन कितना मजबूत है।
