पटना, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणामों ने राज्य की राजनीति में एक नया अध्याय लिख दिया है। 14 नवंबर को घोषित नतीजों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने प्रचंड बहुमत हासिल करते हुए 243 में से 202 सीटें जीतीं, जबकि महागठबंधन (आरजेडी-कांग्रेस और वाम दल) महज 35 सीटों पर सिमट गया। यह एनडीए की अब तक की सबसे बड़ी जीत है, जो 2010 के प्रदर्शन को भी पीछे छोड़ती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दसवीं बार शपथ ली हैं ।
जानकारी दे दें कि, एनडीए की जीत में भाजपा ने 89 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी का दर्जा हासिल किया, जबकि जद(यू) ने 85 सीटों के साथ मजबूत प्रदर्शन किया। सहयोगी दलों जैसे लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने 19, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने 5 और राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने 4 सीटें जीतीं। प्रमुख विजेताओं में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, गायक मैथिली ठाकुर (अलिनगर से) शामिल हैं। एनडीए की यह जीत 2024 लोकसभा चुनावों के वोट शेयर को बनाए रखने का परिणाम है, जहां गठबंधन ने लगभग 48% वोट हासिल किए थे।
बता दें कि, यह चुनाव बिहार की राजनीति में बदलाव का संकेत है। एनडीए की जीत ने नीतीश कुमार को मजबूत बनाया, जबकि महागठबंधन को आत्ममंथन की जरूरत है। आरोप-प्रत्यारोप से आगे बढ़कर विपक्ष को जनता के मुद्दों पर फोकस करना होगा। बिहार की जनता ने स्पष्ट संदेश दिया है कि विकास और सुशासन ही आगे का रास्ता है। आने वाले दिनों में नई सरकार के फैसले राज्य के भविष्य को निर्धारित करेंगे।
