पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अब असली मुकाबले की घड़ी आ चुकी है। नामांकन प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद अब प्रदेश में चुनावी प्रचार अभियान ने जोर पकड़ लिया है। राज्य के सभी प्रमुख दल — भारतीय जनता पार्टी (BJP), जनता दल यूनाइटेड (JDU), राष्ट्रीय जनता दल (RJD), कांग्रेस और जनसुराज पार्टी — अपने-अपने प्रत्याशियों के लिए जनसमर्थन जुटाने में पूरी ताकत झोंक रहे हैं।
कर्पूरी ठाकुर के गांव से मोदी की चुनावी शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने चुनावी अभियान की शुरुआत जननायक कर्पूरी ठाकुर की धरती से करेंगे। कर्पूरी ठाकुर, जिन्होंने बिहार की राजनीति में समाजवादी विचारधारा को नई दिशा दी थी, उन्हें सम्मान देने के साथ-साथ मोदी इस स्थान से अपने चुनाव प्रचार का आगाज कर रहे हैं। यह कदम न सिर्फ राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज के पिछड़े और वंचित वर्गों के बीच एक मजबूत संदेश भी देने वाला है।
अमित शाह और नड्डा भी मोर्चे पर
प्रधानमंत्री मोदी के साथ-साथ आज गृह मंत्री अमित शाह की भी दो बड़ी रैलियां तय हैं। शाह आज बिहार के उत्तर और मध्य भाग में आयोजित सभाओं में जनता को संबोधित करेंगे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यक्रम हाजीपुर में रखा गया है, जहां वे संगठन की बैठकों के साथ-साथ एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे।
मोदी की रैली से पहले सुरक्षा के कड़े इंतजाम
प्रधानमंत्री मोदी की रैलियों को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। समस्तीपुर और बेगूसराय दोनों जगहों पर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के तीन स्तर के घेरे तैयार किए हैं। एसपीजी, बिहार पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम ने रैली स्थल की पूरी निगरानी संभाल ली है।
चुनावी रणनीति का संकेत
प्रधानमंत्री मोदी की रैली सिर्फ एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं मानी जा रही, बल्कि इसे भाजपा की चुनावी रणनीति का संकेतक भी बताया जा रहा है। कर्पूरी ठाकुर की जन्मभूमि से प्रचार अभियान शुरू करने का मतलब यह है कि भाजपा इस बार सामाजिक न्याय, पिछड़ों और गरीबों के सशक्तिकरण को अपने प्रमुख चुनावी मुद्दों में शामिल करने जा रही है।
बिहार की राजनीति में बढ़ती गर्मी
नामांकन प्रक्रिया समाप्त होते ही बिहार की राजनीति अब पूरी तरह से गर्म हो गई है। अगले कुछ दिनों में सभी प्रमुख दलों के स्टार प्रचारक राज्य भर में दर्जनों रैलियां करेंगे।
बीजेपी जहां केंद्र की योजनाओं और मोदी के नेतृत्व को मुद्दा बना रही है, वहीं महागठबंधन बेरोजगारी, महंगाई और किसान समस्याओं को लेकर जनता से संपर्क साध रहा है।
चुनाव आयोग ने भी राज्य भर में सुरक्षा व्यवस्था को सख्त कर दिया है और मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग और सीसीटीवी निगरानी के इंतजाम किए जा रहे हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 अब निर्णायक चरण में प्रवेश कर चुका है। आज प्रधानमंत्री मोदी की समस्तीपुर और बेगूसराय की रैलियां राज्य की राजनीति में नई दिशा तय कर सकती हैं। कर्पूरी ठाकुर की धरती से प्रचार शुरू करने का यह कदम प्रतीकात्मक रूप से यह दर्शाता है कि भाजपा इस बार समाज के हर वर्ग तक पहुंचने की रणनीति पर काम कर रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस रणनीति का कितना असर बिहार के मतदाताओं पर पड़ता है और आगामी हफ्तों में चुनावी हवा किस ओर बहती है।
