समाचार मिर्ची

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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं, राज्य का सियासी तापमान चरम पर पहुंच गया है। सभी राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत के साथ प्रचार-प्रसार में झोंक दी है। देश के नामचीन नेता बिहार की सियासी धरती पर उतर चुके हैं। आज का दिन खास होने वाला है क्योंकि बिहार की राजनीति में कई बड़े चेहरे रैलियों के माध्यम से जनता को साधने की कोशिश करेंगे। इनमें कांग्रेस के राहुल गांधी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे दिग्गज शामिल हैं।

‘मुझे लीडर बनना है लोडर नहीं’, मुकेश सहनी ने शेयर की दिल की बात
VIP चीफ और महागठबंधन के डिप्टी CM उम्मीदवार मुकेश सहनी ने कहा, “मुझे डिप्टी CM का चेहरा घोषित किया गया है, तो मैं BJP के साथ क्यों जाऊंगा? मैं तेजस्वी यादव के नेतृत्व में काम करूंगा, जो मेरा छोटा भाई है। अगर मैं उनके साथ हाथ मिलाता हूं, तो क्या वे मुझे नेता मानेंगे? मुझे दिल्ली से लिए गए फैसले को मानना पड़ेगा। BJP हमेशा उस पार्टी को तोड़ देती है, जिसके साथ वह गठबंधन करती है; उन्होंने शिवसेना (UBT) को खत्म कर दिया, आप बिहार के CM नीतीश कुमार की हालत भी देख सकते हैं।”

महागठबंधन में ‘नया जोश’ – मुकेश सहनी के बयान से कार्यकर्ताओं में उत्साह

VIP चीफ के इस बयान के बाद महागठबंधन खेमे में नया जोश देखने को मिला है। पार्टी कार्यकर्ताओं ने सहनी के इस बयान का स्वागत किया है। सोशल मीडिया पर #LeaderNotLoader ट्रेंड करने लगा है, जो सहनी के इस बयान से प्रेरित है।

महागठबंधन के रणनीतिकारों का मानना है कि सहनी का यह स्टैंड यादव-निषाद वोट बैंक में सकारात्मक असर डाल सकता है। खासकर उत्तर बिहार के जिलों — दरभंगा, सीतामढ़ी, मधुबनी, सहरसा, और सुपौल — में यह संदेश तेजी से फैल रहा है।

तेजस्वी यादव के साथ तालमेल पर बोले सहनी

मुकेश सहनी ने यह भी कहा कि उन्होंने तेजस्वी यादव के साथ मिलकर बिहार के लिए एक साझा विजन तैयार किया है। उन्होंने कहा,

“हमारा मकसद सत्ता नहीं, सेवा है। तेजस्वी यादव ने मुझे हमेशा सम्मान दिया है। अगर मुझे जनता का भरोसा मिला, तो हम मिलकर बिहार को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।”

सहनी ने आगे कहा कि बिहार की जनता अब बार-बार बदली जा रही सरकारों से थक चुकी है। लोग स्थायी और विकासमुखी नेतृत्व चाहते हैं।

चुनावी माहौल गरमाया — अमित शाह, योगी और राहुल गांधी की रैलियां आज

आज बिहार की चुनावी सरजमीं पर तीन बड़े राजनीतिक धुरंधर आमने-सामने होंगे।

  • अमित शाह सीमांचल में बीजेपी की विजय संकल्प रैली को संबोधित करेंगे।
  • योगी आदित्यनाथ बक्सर में एक जनसभा करेंगे, जहां वे कानून-व्यवस्था और हिंदुत्व के मुद्दों पर बोल सकते हैं।
  • वहीं, राहुल गांधी पटना और भागलपुर में रैली करेंगे, जहां वे बेरोजगारी और सामाजिक न्याय के मुद्दे उठाने वाले हैं।

इन रैलियों के जरिए सभी पार्टियां जनता को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही हैं।

चुनाव में क्या हो सकता है असर

बिहार में लगभग 6% निषाद (मल्लाह) मतदाता हैं, जो करीब 30 विधानसभा सीटों पर निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। मुकेश सहनी की पकड़ इस वर्ग में मजबूत मानी जाती है। यदि यह वोट बैंक महागठबंधन की ओर झुकता है, तो कई सीटों पर समीकरण बदल सकते हैं।

वहीं, बीजेपी इस वोट बैंक को अपने पाले में रखने के लिए भी रणनीति बना रही है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि “BJP सबका साथ, सबका विकास” के सिद्धांत पर चल रही है और किसी समुदाय को उपेक्षित नहीं करेगी।

बता दें कि, बिहार चुनाव 2025 अब एक दिलचस्प मोड़ पर पहुंच चुका है। हर नेता अपनी भूमिका और पहचान को लेकर मुखर है। मुकेश सहनी का “मुझे लीडर बनना है, लोडर नहीं” वाला बयान न केवल उनकी राजनीतिक स्थिति को मजबूत कर रहा है, बल्कि यह बिहार की जनता के बीच भी गूंजने लगा है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह बयान महागठबंधन को लाभ पहुंचाता है या चुनावी समीकरणों में नया मोड़ लाता है।

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