बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक बयानबाजी का दौर तेज होता जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ‘वोटों के लिए नाच’ वाले बयान के बाद सियासी तापमान और बढ़ गया है। इस बयान पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने करारा पलटवार किया है। उन्होंने राहुल गांधी पर प्रधानमंत्री मोदी और बिहार की धार्मिक आस्था छठी मैया का अपमान करने का आरोप लगाया और कहा कि जब भी विपक्ष मोदी का अपमान करता है, भाजपा का ‘कमल’ और अधिक खिलता है।
शाह ने कहा कि राज्य में स्पष्ट रूप से राजग की लहर है और चुनाव में गठबंधन की सीटों में अभूतपूर्व वृद्धि होगी। बिहार में राजग की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने शासन, बुनियादी ढांचे और कल्याणकारी योजनाओं में बड़े बदलाव लाने का श्रेय ”डबल इंजन सरकार” को दिया। साथ ही कहा, ”नीतीश कुमार ने पिछले 11 वर्षों में बिहार को जंगल राज से बाहर निकाला है।”
‘पीएम मोदी का अपमान करेंगे, तो कीचड़ से खिलेगा कमल’ – शाह
एक प्रमुख समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में अमित शाह ने कहा कि राहुल गांधी का बयान न केवल प्रधानमंत्री का, बल्कि बिहार और पूर्वांचल की धार्मिक भावनाओं का भी अपमान है। उन्होंने कहा,
“यह राहुल पर निर्भर है कि वह कितना गिरना चाहते हैं। प्रधानमंत्री मोदी का विरोध और अपमान करते हुए उन्हें यह भी अहसास नहीं हुआ कि उन्होंने छठी मैया का भी अपमान कर दिया। अगर उन्हें लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी का छठ पूजा का सम्मान करना एक नाटक है, तो यह बिहार और पूरे पूर्वांचल के करोड़ों श्रद्धालुओं का अपमान है। इसका जवाब जनता चुनाव में देगी।”
‘बिहार में राजग की लहर है, नीतीश ही रहेंगे मुख्यमंत्री’
अमित शाह ने साक्षात्कार में यह भी दावा किया कि बिहार में राजग (NDA) की लहर चल रही है और गठबंधन दो-तिहाई बहुमत से चुनाव जीतने जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री पद को लेकर किसी तरह का भ्रम नहीं है।
शाह ने कहा,
“बिहार में मुख्यमंत्री पद के लिए कोई वेकेंसी नहीं है। नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री हैं और रहेंगे। भाजपा और जदयू पूरी मजबूती से साथ हैं।”
उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने “डबल इंजन सरकार” पर भरोसा जताया है और विकास के एजेंडे पर वोट दे रही है।
छठ पूजा और मोदी की श्रद्धा का मुद्दा
राहुल गांधी के बयान ने छठ पूजा को लेकर भी विवाद खड़ा कर दिया है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर साल छठ पर्व के अवसर पर बिहार और पूर्वांचल के श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हैं और कई बार दिल्ली में भी इस पर्व में शामिल होते रहे हैं।
अमित शाह ने कहा कि राहुल गांधी का यह बयान उनकी “भारत की सांस्कृतिक परंपराओं से दूरी” को दर्शाता है। उन्होंने कहा,
“छठी मैया बिहार की आत्मा हैं। यह पर्व आस्था, त्याग और प्रकृति के प्रति सम्मान का प्रतीक है। इस पर कटाक्ष करना न सिर्फ राजनीतिक भूल है, बल्कि करोड़ों श्रद्धालुओं का अपमान भी है।”
बता दें कि, अमित शाह और राहुल गांधी के बीच इस बयानबाजी ने बिहार चुनाव को एक नया मोड़ दे दिया है। भाजपा इसे धार्मिक आस्था और प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान से जोड़कर जनता के बीच ले जा रही है, जबकि कांग्रेस इसे “राजनीतिक नाटक” बता रही है।
बहरहाल, एक बात स्पष्ट है — बिहार की सियासत में अब चुनावी बहस सिर्फ विकास या गठबंधन की ताकत तक सीमित नहीं रही, बल्कि अब यह आस्था बनाम अपमान के नैरेटिव में तब्दील होती दिख रही है।
 
								