भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए संगठन स्तर पर बड़े बदलाव की ओर बढ़ रही है। हाल ही में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय संगठन मंत्री बी.एल. संतोष के बीच दो दिन में करीब 8 घंटे तक चली लंबी बैठक ने पार्टी के अंदर चल रहे गहन मंथन को उजागर कर दिया है।
दो दिन में करीब 8 घंटे तक चली लंबी बैठक ने पार्टी के अंदर चल रहे गहन मंथन को उजागर कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय संगठन मंत्री बी.एल. संतोष के बीच मीटिंग हुई हैं संगठन स्तर पर बड़े बदलाव की ओर बढ़ रही है।
बता दें कि, इस साल के अंत में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार है, जबकि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सत्ता में है। अगले वर्ष मार्च-अप्रैल में लोकसभा चुनाव भी संभावित हैं। ऐसे में पार्टी नेतृत्व किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरतना चाहता।
जल्द ही कई राज्यों के प्रभारी, सहप्रभारी, प्रदेश अध्यक्षों के साथ-साथ पार्टी की केंद्रीय टीम में भी फेरबदल हो सकता है।चुनावों के मद्देनज़र बीजेपी में विभिन्न स्तरों पर बदलाव की प्रक्रिया तेज़ हो गई हैं कर्नाटक चुनाव में पार्टी को करारी हार मिली थी, जिससे बीजेपी नेतृत्व खासा नाखुश है। यह माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पार्टी के संगठनात्मक प्रदर्शन पर असंतोष जताया है। फिल्हाल राजनीतिक गलियारों मे हलचल तेज है बड़े फैर बदल के आसार हैं
तेज है बड़े फैर बदल-
- चुनावी राज्यों के लिए नए चुनाव प्रभारी और सहप्रभारी की नियुक्ति
- मौजूदा प्रदेश अध्यक्षों के प्रदर्शन की समीक्षा और आवश्यकता अनुसार बदलाव
- केंद्रीय संगठन में कुछ नए चेहरों की एंट्री और अनुभवी नेताओं की पुनर्नियुक्ति
- बूथ स्तर तक पार्टी संगठन को सशक्त बनाने की योजना
- सोशल मीडिया और ग्राउंड लेवल पर प्रभावशाली प्रचार की रणनीति
तीनों राज्यों में चुनावों के चलते पार्टी का पूरा ध्यान इन पर केंद्रित है। राजस्थान में गहलोत सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए बीजेपी हर स्तर पर मजबूत उम्मीदवार और स्थानीय समीकरणों को साधने में जुटी है। वहीं छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार को चुनौती देने के लिए पार्टी युवाओं और पिछड़े वर्गों को जोड़ने पर काम कर रही है। वही, शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सत्ता बचाने की रणनीति पर चर्चा हुई है।
पार्टी का पूरा ध्यान तीनों राज्यों में चुनावों के चलते पार्टी युवाओं और पिछड़े वर्गों को जोड़ने पर काम कर रही है मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सत्ता बचाने की रणनीति पर चर्चा हुई है।
सबका मानना है कि, भले ही विधानसभा चुनाव कुछ ही महीनों दूर हैं, लेकिन पार्टी नेतृत्व की नजर 2024 के आम चुनाव पर भी टिकी वही दुसरी ओर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पार्टी लगातार तीसरी बार केंद्र की सत्ता में वापसी करना चाहती है। ऐसे में यह बैठक केवल विधानसभा चुनाव नहीं, बल्कि लोकसभा के व्यापक दृष्टिकोण से भी काफी अहम मानी जा रही है।वही पार्टी नेतृत्व की नजर 2024 के आम चुनाव पर भी टिकी है इसका का लक्ष्य है कि चुनावी राज्यों में जनाधार को और मज़बूत किया जाए और वहां से लोकसभा में अधिक से अधिक सीटें सुनिश्चित की जाएं। पार्टी द्वारा हर राज्य में ‘मिशन 2024’ के तहत क्षेत्रीय समीकरणों, जातिगत गणित और युवा मतदाताओं पर विशेष रणनीति बनाई जा रही है। खबर आई हैं कि, पार्टी सूत्रों के अनुसार, इन सभी बदलावों का आधिकारिक ऐलान अगले कुछ दिनों में किया जा सकता है। मौजूदा संगठनात्मक ढांचे की समीक्षा की जा रही है और प्रदर्शन के आधार पर जिम्मेदारियों में फेरबदल किया जाएगा। बीजेपी हाई कमान का फोकस अब सिर्फ बड़े चेहरे नहीं, बल्कि ज़मीनी कार्यकर्ताओं और बूथ स्तर की रणनीति पर केंद्रित है।
बताते चले कि, तीनों राज्यों में चुनावों के चलते पार्टी का पूरा ध्यान इन पर केंद्रित है। राजस्थान में गहलोत सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए बीजेपी हर स्तर पर मजबूत उम्मीदवार और स्थानीय समीकरणों को साधने में जुटी है। वहीं छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार को चुनौती देने के लिए पार्टी युवाओं और पिछड़े वर्गों को जोड़ने पर काम कर रही है। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सत्ता बचाने की रणनीति पर चर्चा हुई है।