नई दिल्ली। बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवाती तूफान मोंथा (Cyclone Montha) अब बेहद खतरनाक रूप लेता जा रहा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी की है कि यह साइक्लोन सोमवार रात या मंगलवार सुबह तक आंध्र प्रदेश के तटीय इलाके काकीनाडा के पास जमीन से टकरा सकता है। इस दौरान हवा की गति 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच सकती है, जबकि कुछ इलाकों में झोंके 110 किमी प्रतिघंटा तक दर्ज किए जा सकते हैं।
समुद्र में उठ रहीं ऊंची लहरें, मछुआरों को चेतावनी
इंडियन नेशनल सेंटर फॉर ओशन इन्फॉर्मेशन सर्विसेज़ (INCOIS) और IMD ने सोमवार शाम को संयुक्त रूप से चेतावनी जारी की कि नेल्लोर से लेकर श्रीकाकुलम तक के तटीय इलाकों में 4.5 से 4.7 मीटर तक ऊंची लहरें उठ सकती हैं। इस कारण सभी मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त हिदायत दी गई है।
आंध्र प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी तटीय जिलों—विशाखापत्तनम, पूर्वी गोदावरी, कृष्णा, गुन्टूर, नेल्लोर और श्रीकाकुलम में रेड अलर्ट जारी किया है। इन इलाकों में स्कूलों को बंद रखने और तटीय गांवों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने की तैयारी की जा रही है।
NDRF और SDRF की टीमें तैनात
संभावित खतरे को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार ने मिलकर राहत कार्यों की तैयारी शुरू कर दी है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की 20 से अधिक टीमें आंध्र प्रदेश के संवेदनशील तटीय जिलों में तैनात की गई हैं।
NDRF के महानिदेशक अतुल करवाल ने बताया कि “हमारी टीमें पहले से ही सभी संभावित इलाकों में पहुंच चुकी हैं। बचाव और राहत के सभी उपकरण तैयार हैं। अगर हवा की गति और बारिश बढ़ती है, तो तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया जाएगा।”
भारी बारिश की चेतावनी, बिजली और जलभराव की आशंका
IMD ने चेतावनी दी है कि साइक्लोन मोंथा के प्रभाव से आंध्र प्रदेश और ओडिशा के कई हिस्सों में अगले 48 घंटों तक भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। विशाखापत्तनम, काकीनाडा, श्रीकाकुलम, ओंगोल, गुन्टूर और नेल्लोर में जलभराव और निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बनने की आशंका जताई गई है।
राज्य बिजली बोर्ड ने भी चेताया है कि तूफान के दौरान तेज हवाओं से बिजली की आपूर्ति बाधित हो सकती है। वहीं, प्रशासन ने राहत केंद्रों में जनरेटर और पीने के पानी की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
समुद्र में जहाजों और बंदरगाहों को किया गया अलर्ट
कृष्णापट्टनम, काकीनाडा और विशाखापत्तनम बंदरगाहों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। समुद्री जहाजों को सुरक्षित दूरी पर खड़ा किया गया है और सभी मालवाहक जहाजों की आवाजाही अस्थायी रूप से रोक दी गई है।
नौसेना और तटरक्षक बल (Indian Coast Guard) ने भी अपने जहाजों और हेलीकॉप्टरों को तैयार स्थिति में रखा है ताकि आपातकालीन हालात में राहत और बचाव कार्य तुरंत शुरू किया जा सके।
आंध्र सरकार ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर
मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने राज्य आपात प्रबंधन विभाग को सभी जिलाधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में रहने का निर्देश दिया है। सरकार ने राज्य के विभिन्न जिलों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं ताकि नागरिक किसी भी आपात स्थिति में सहायता मांग सकें।
सरकार ने कहा है कि “जनता को घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी बरतना जरूरी है। अगले दो दिनों तक समुद्र किनारे और नदियों के आसपास न जाएं, बिजली के पोल और पेड़ों से दूर रहें।”
ओडिशा में भी अलर्ट, बारिश की संभावना
साइक्लोन मोंथा का असर ओडिशा के तटीय जिलों—गंजाम, गजपति, पुरी और खोरधा में भी देखने को मिल सकता है। ओडिशा सरकार ने एहतियात के तौर पर स्कूल और कॉलेज बंद रखने के निर्देश जारी किए हैं।
मौसम विभाग का कहना है कि तूफान के असर से इन इलाकों में भी तेज बारिश और हवा चल सकती है। हालांकि, इसका मुख्य केंद्र आंध्र प्रदेश का तटीय भाग रहेगा।
वैज्ञानिकों का अनुमान: अगले 24 घंटे बेहद अहम
IMD के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी एम. सत्यनारायण के अनुसार, “साइक्लोन मोंथा अब ‘सीवियर साइक्लोनिक स्टॉर्म’ श्रेणी में पहुंच चुका है। अगले 24 घंटे इसके लिए निर्णायक होंगे। यदि इसकी दिशा या गति में बदलाव नहीं होता है, तो यह 28 अक्टूबर की देर शाम तक जमीन से टकराएगा।”
उन्होंने बताया कि वर्तमान में यह प्रणाली बंगाल की खाड़ी के मध्य भाग में केंद्रित है और पश्चिम-उत्तर दिशा की ओर बढ़ रही है।
रेलवे ने आंध्र प्रदेश से गुजरने वाली कुछ ट्रेनों के मार्ग परिवर्तित किए हैं और कई ट्रेनों को रद्द करने पर विचार कर रहा है। वहीं, विशाखापत्तनम और राजमुंदरी एयरपोर्ट से उड़ानें प्रभावित हो सकती हैं। यात्रियों से अपील की गई है कि वे यात्रा से पहले नवीनतम अपडेट जांच लें।
बता दें कि, चक्रवाती तूफान मोंथा फिलहाल बंगाल की खाड़ी में अपनी रफ्तार बढ़ा रहा है और सोमवार रात तक यह आंध्र प्रदेश के काकीनाडा तट से टकरा सकता है। प्रशासन पूरी तरह तैयार है, लेकिन लोगों को भी सतर्क रहना होगा। मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो दिनों तक तटीय आंध्र और दक्षिणी ओडिशा में भारी बारिश, तेज हवाएं और समुद्र में ऊंची लहरों का सिलसिला जारी रहेगा।
