समाचार मिर्ची

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धनतेरस है, और इस शुभ अवसर पर सोना-चांदी खरीदने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। माना जाता है कि इस दिन की गई खरीदारी घर में लक्ष्मी और समृद्धि लेकर आती है। लेकिन इसी परंपरा का फायदा अब कुछ असामाजिक तत्व उठा रहे हैं। बाजार में नकली या मिलावटी चांदी के सिक्कों (Fake Silver Coins) की भरमार हो चुकी है, जिससे कई लोग अनजाने में ठगे जा रहे हैं।

अगर आप चांदी में निवेश या धनतेरस जैसे मौकों पर खरीदना चाहते हैं, तो हमेशा BIS हॉलमार्क वाले सिक्के ही लें. ये सिक्के शुद्धता की गारंटी देते हैं।आप क्योंकि धनतेरस पर खरीदा गया सिक्का सिर्फ आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि आपकी मेहनत की कमाई से जुड़ा निवेश भी है. इसलिए थोड़ा सतर्क रहकर खरीदारी करें।

क्यों बढ़ा नकली चांदी के सिक्कों का कारोबार?

धनतेरस और दिवाली जैसे त्योहारों में चांदी के सिक्कों की भारी मांग रहती है। कई लोग इसे भगवान लक्ष्मी-गणेश की पूजा में इस्तेमाल करते हैं, तो कई इसे गिफ्ट के रूप में भी देते हैं। लेकिन इसी बढ़ती मांग के चलते बाजार में नकली और कम शुद्धता वाले सिक्कों की बिक्री तेजी से बढ़ी है।

शुद्धता का पैमाना क्या है? BIS हॉलमार्क क्यों जरूरी है

भारत सरकार के Bureau of Indian Standards (BIS) के अनुसार, चांदी की शुद्धता को हॉलमार्क से जांचा जाता है। BIS हॉलमार्क किसी भी कीमती धातु की प्रामाणिकता का आधिकारिक प्रमाण होता है।

अगर आप चांदी का सिक्का या कोई अन्य वस्तु खरीद रहे हैं, तो उस पर ये चार निशान जरूर देखें —

  1. BIS Logo – जो बताता है कि वस्तु BIS द्वारा प्रमाणित है।
  2. Purity Mark – जैसे 999, 925 या 800 आदि।
  3. Assaying Centre’s Mark – परीक्षण केंद्र का पहचान चिन्ह।
  4. Jeweller’s Identification Mark – उस ज्वेलर का रजिस्ट्रेशन नंबर।

अगर सिक्के पर ये चारों निशान मौजूद नहीं हैं, तो उसकी शुद्धता संदिग्ध मानी जाएगी।

नकली चांदी के सिक्के की पहचान कैसे करें

  1. मैग्नेट टेस्ट:
    असली चांदी चुंबक से नहीं चिपकती। अगर आपका सिक्का चुंबक से आकर्षित होता है, तो वह मिलावटी है।
  2. बर्फ वाला टेस्ट:
    चांदी गर्मी और ठंडक की बहुत अच्छी संवाहक होती है। असली चांदी पर बर्फ रखेंगे तो वह तुरंत पिघलने लगेगी।
  3. आवाज से पहचान:
    सिक्के को हल्के से किसी कठोर सतह पर गिराएं। असली चांदी से ‘टन-टन’ जैसी मधुर आवाज आती है, जबकि नकली सिक्कों की आवाज भारी या मंद होती है।
  4. रंग का परीक्षण:
    असली चांदी का रंग हल्का सफेद और चमकदार होता है। नकली चांदी में पीला या काला पन झलकता है।
  5. एसिड टेस्ट:
    यह तरीका ज्वेलरी शॉप या परीक्षण केंद्रों में किया जाता है, जहां खास केमिकल से चांदी की शुद्धता जांची जाती है।

बता दें कि, धनतेरस पर खरीदा गया चांदी का सिक्का न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक होता है, बल्कि यह आपके भविष्य के लिए एक वित्तीय सुरक्षा भी है। इसलिए खरीदारी करते समय थोड़ी सी सतर्कता बरतें — हमेशा BIS हॉलमार्क वाले सिक्के ही लें, बिल जरूर लें और ज्वेलर की विश्वसनीयता जांचें। क्योंकि इस शुभ पर्व पर खरीदी गई वस्तु आपकी मेहनत की कमाई का प्रतीक होती है, जो केवल चमक में नहीं, बल्कि सच्ची शुद्धता में भी झलकनी चाहिए।

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