नई दिल्ली। देश में लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व – चुनाव – को लेकर हाल के दिनों में राजनीतिक बयानबाज़ी तेज हो गई है। इसी कड़ी में कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ जैसे आरोपों पर चुनाव आयोग ने सख्त प्रतिक्रिया दी है। आयोग ने न केवल इन आरोपों को निराधार बताया बल्कि राहुल गांधी और अन्य विपक्षी दलों को आगाह किया कि इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करोड़ों मतदाताओं और लाखों चुनाव कर्मियों की ईमानदारी पर सीधा हमला है।
बता दें कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पिछले हफ्ते आंकड़ों का हवाला देते हुए आरोप लगाया था कि 2024 के चुनावों में बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में एक लाख से ज्यादा वोट ‘चोरी’ हुए, जिसके परिणामस्वरूप एक कांग्रेस उम्मीदवार की हार हुई। चुनाव आयोग ने गांधी को अपने दावों पर एक लिखित घोषणा देने का निर्देश दिया था।
चुनाव आयोग का सख्त संदेश
वही जानकारी देते चले कि, चुनाव आयोग ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि विपक्षी दलों को ‘वोट चोरी’ जैसे ‘गंदे शब्दों’ का इस्तेमाल करने के बजाय ठोस सबूत पेश करने चाहिए। आयोग ने स्पष्ट किया कि भारत का चुनावी ढांचा बेहद पारदर्शी और मजबूत है, जिसमें मतदाताओं की भागीदारी और चुनाव कर्मियों की निष्पक्षता सर्वोच्च प्राथमिकता है।
अब देखना यह होगा कि राहुल गांधी चुनाव आयोग को लिखित घोषणा और सबूत देते हैं या नहीं। यदि वे सबूत पेश करने में असफल रहते हैं, तो यह मामला केवल राजनीतिक बयानबाज़ी तक सीमित रह जाएगा, लेकिन यदि वे प्रमाण देते हैं और जांच में आरोप सही पाए जाते हैं, तो यह एक बड़ा चुनावी घोटाला साबित हो सकता है।