इस दिवाली जीएसटी दरों में हालिया कटौती के बाद बाजारों में फिर से रौनक लौट आई है। मध्यम वर्गीय परिवारों ने इस साल त्योहारी सीजन में दिल खोलकर खरीदारी की, जिससे लैब में बने हीरे, कपड़े, घर की सजावट और वाहन जैसी वस्तुओं की मांग में तेजी देखने को मिली। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार द्वारा टैक्स में राहत देने से लोगों की खरीदारी की क्षमता बढ़ी और बाजार में उत्साह का माहौल पैदा हुआ।
जीएसटी दरों में कटौती से बाजार को फायदा
22 सितंबर से नई जीएसटी दरें लागू हुई हैं। इस बदलाव से रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतों में गिरावट आई है। इसके असर से कपड़े, जूते, डिशवॉशर से लेकर छोटी कारों तक की कीमतें कम हुईं।
बता दें कि, जीएसटी में हाल में हुई कटौती से उपभोक्ताओं में सकारात्मक रुझान देखा जा रहा है। मुख्य असर इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल जैसी श्रेणियों में महसूस किया गया है, लेकिन रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतों में भी कमी हुई है।”
कपड़ों की मार्केट में भी तेजी आई है। रेमंड्स ने बताया कि 1000 से 2500 रुपये के कपड़ों की मांग में वृद्धि हुई है। वहीं, आइकिया ने बड़े पैमाने पर प्रीमियम उत्पादों की मांग बढ़ने की जानकारी दी।
सरकारी राहत और बजट छूट
केन्द्र सरकार ने इस साल के बजट में बड़े पैमाने पर टैक्स में राहत दी। जीएसटी कटौती और बजट छूट का प्रमुख उद्देश्य मध्यम वर्ग को खरीदारी में सक्षम बनाना और बाजार में तरक्की लाना था।
इसके अलावा, जीएसटी में कटौती से खरीदारी का खर्चा कम हुआ और लोगों की बचत बढ़ी। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे मिडिल क्लास परिवार की वित्तीय स्थिति मजबूत हुई और उन्होंने त्योहारी सीजन में खरीदारी की छूट का पूरा लाभ उठाया।
बता दें कि, जीएसटी में कटौती और बजट में टैक्स छूट ने इस दिवाली बाजारों में नई रौनक ला दी है। मिडिल क्लास परिवारों ने उत्साह के साथ गहने, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स, वाहन और सजावट का सामान खरीदा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल की खरीदारी का उत्साह बाजार को लंबी अवधि के लिए स्थिरता और तरक्की दे सकता है। दिवाली 2025 साबित हुई कि सरकारी राहत और उपभोक्ता विश्वास के संयोजन से बाजार में तेजी और खुशहाली वापस लाई जा सकती है।