गुजरात की राजनीति एक बार फिर बड़े बदलाव की दहलीज पर खड़ी है। दीपावली से पहले मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व वाली सरकार में व्यापक स्तर पर मंत्रिमंडल फेरबदल की तैयारी हो रही है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस प्रस्ताव को अपनी हरी झंडी दे दी है। इस बदलाव को लेकर दिल्ली में हुई लगभग पांच घंटे लंबी बैठक ने राज्य की सियासत में नई हलचल मचा दी है।
दिल्ली में हुई अहम बैठक
सोमवार देर रात दिल्ली में हुई बैठक में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष जगदीश विश्वकर्मा और संगठन महामंत्री रत्नाकरजी शामिल हुए। प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह के साथ हुई इस बैठक में गुजरात के मंत्रिमंडल पुनर्गठन पर विस्तृत चर्चा की गई।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, 16 नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल करने और 11 मौजूदा मंत्रियों को हटाने का प्रस्ताव रखा गया है। इस बदलाव के पीछे उद्देश्य राज्य में नई ऊर्जा, जातीय संतुलन और युवा नेतृत्व को आगे लाने की रणनीति बताई जा रही है।
इन नेताओं के साथ पीएम मोदी और गृह मंत्री शाह ने लगभग पांच घंटे बैठक की। पार्टी सूत्रों के अनुसार, मंत्रिमंडल में बड़े पैमाने पर बदलाव किया जा सकता है। करीब 16 नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। जबकि हाल ही में मंत्रिमंडल में शामिल 11 नेताओं को मंत्री पद खोना पड़ सकता है।
दीपावली से पहले फेरबदल की तैयारी
सूत्रों का कहना है कि दीपावली से पहले ही नई मंत्रिपरिषद की घोषणा की जा सकती है। पार्टी नेतृत्व नहीं चाहता कि यह फेरबदल लंबे समय तक अटका रहे, क्योंकि अगले वर्ष होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों से पहले संगठन को नए चेहरे और ताजगी भरा नेतृत्व देने की योजना है।
दिल्ली में हुई बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि गुजरात भाजपा का चेहरा विकास और स्थिरता बना रहे, लेकिन साथ ही युवा और सामाजिक रूप से विविध नेतृत्व को प्रतिनिधित्व मिले।
शंकरभाई चौधरी को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी
विधानसभा अध्यक्ष शंकरभाई चौधरी को भी मंत्रिमंडल में बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने की चर्चा है। शंकरभाई उत्तर गुजरात के अनुभवी नेता हैं और संगठन में लंबे समय से सक्रिय हैं। उनके पास प्रशासनिक अनुभव भी है, जो सरकार की स्थिरता और निर्णय क्षमता को मजबूत कर सकता है।
मोदी-शाह की ‘न्यू टीम गुजरात’ योजना
यह फेरबदल दरअसल भाजपा के दीर्घकालिक ‘न्यू टीम गुजरात’ विजन का हिस्सा बताया जा रहा है। मोदी और शाह दोनों ने गुजरात को हमेशा “राजनीतिक प्रयोगशाला” के रूप में देखा है, जहां से नई रणनीतियाँ पूरे देश में लागू की जा सकती हैं।
इस बार ध्यान पारंपरिक नेताओं और युवा उभरते चेहरों के मिश्रण पर है, ताकि भविष्य के लिए मजबूत नेतृत्व तैयार किया जा सके।
बता दें कि, गुजरात भाजपा के लिए यह मंत्रिमंडल फेरबदल केवल राजनीतिक औपचारिकता नहीं है, बल्कि राज्य की भावी राजनीति की दिशा तय करने वाला कदम है। प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह की सीधी निगरानी में तैयार हो रही इस नई टीम से उम्मीद की जा रही है कि यह सरकार को न सिर्फ गति देगी, बल्कि संगठन और जनता के बीच जुड़ाव भी बढ़ाएगी।