हरियाणा सरकार ने किसानों को राहत देते हुए शहद को भावांतर भरपाई योजना (BBY) में शामिल करने का फैसला किया है। यह निर्णय मधुमक्खी पालकों के लिए एक वरदान साबित होगा, क्योंकि अब उन्हें अपनी उपज का न्यूनतम मूल्य सुनिश्चित मिलेगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इसकी औपचारिक घोषणा करते हुए कहा कि सरकार का लक्ष्य किसानों की आय बढ़ाना और कृषि से जुड़ी सहायक गतिविधियों को बढ़ावा देना है।
बता दें कि, हरियाणा में मधुमक्खी पालन को और मजबूत करने के लिए एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्र, रामनगर (कुरुक्षेत्र) की ओर से राज्यभर में किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बॉक्स अनुदान पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं. इन बॉक्सों को स्थानीय भाषा में “मौन पेटिका” भी कहा जाता है.
शहद उत्पादन के लिए इस्तेमाल होने वाले बॉक्स यानी Bee Box खास तरीके से बनाए जाते हैं. एक बॉक्स में 9 फ्रेम होते हैं. इन्हीं फ्रेमों पर हजारों मधुमक्खियां बैठती हैं और शहद तैयार करती हैं. मधुमक्खियां सामान्यत: अक्टूबर से लेकर अप्रैल तक शहद देती हैं. इस दौरान बॉक्स को फूलों वाली फसलों जैसे सरसों, तिल, मक्का और अमरूद के पास रखा जाता है, ताकि उन्हें पर्याप्त रस और पराग मिल सके.
मधुमक्खी पालन का फायदा केवल शहद उत्पादन तक सीमित नहीं है। मधुमक्खियां फूलों से पराग और रस एकत्र करते समय फसलों का परागण करती हैं। इससे फसल की पैदावार बढ़ती है।
इस तरह, मधुमक्खी पालन किसानों को दोहरे लाभ देता है—एक ओर शहद उत्पादन से सीधी आय और दूसरी ओर खेती की उपज में वृद्धि।
बता दें कि, शहद को भावांतर भरपाई योजना में शामिल करना हरियाणा सरकार का दूरगामी और किसान हितैषी कदम है। इससे न केवल मधुमक्खी पालकों की आमदनी बढ़ेगी, बल्कि राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। यह पहल किसानों को खेती के साथ-साथ मधुमक्खी पालन जैसे वैकल्पिक व्यवसायों से भी जोड़ने का एक सुनहरा अवसर है।