भारत के खेल इतिहास में एक और बड़ा अध्याय जुड़ने की दिशा में कदम बढ़ चुका है। इंडियन ओलिंपिक संघ (IOA) ने बुधवार को कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 की मेजबानी के लिए भारत की बिड को आधिकारिक मंजूरी दे दी। यह फैसला IOA की स्पेशल जनरल मीटिंग (SGM) में लिया गया, जिसमें सर्वसम्मति से भारत की दावेदारी को हरी झंडी दिखाई गई।
CWG के अलावा, भारत 2036 के ओलिंपिक गेम्स की मेजबानी की तैयारी भी कर रहा है। पिछले साल नवंबर में भारत ने ओलिंपिक गेम्स-2036 की मेजबानी हासिल करने के लिए दावेदारी पेश की थी। 2032 तक के ओलिंपिक मेजबान तय हो चुके हैं। 2032 की मेजबानी ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन शहर को दी गई है। जबकि 2028 के ओलिंपिक लॉस एंजिलिस में होने हैं।
गौरतलब है कि, भारत की दावेदारी को एक बड़ा फायदा यह है कि पहले से मजबूत दावेदार कनाडा इस रेस से बाहर हो चुका है। ऐसे में भारत के सामने प्रतियोगिता अपेक्षाकृत कम हो गई है और उसकी संभावनाएं बढ़ गई हैं। खेल विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि भारत बिड प्रपोजल में बुनियादी ढांचे, सुरक्षा और प्रबंधन का ठोस खाका पेश करता है, तो मेजबानी हासिल करने में उसे ज्यादा कठिनाई नहीं होगी।
बता दें कि. 2030 के कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी की दौड़ में भारत इस समय एक मजबूत स्थिति में है। कनाडा के हटने, अहमदाबाद की आधुनिक खेल सुविधाओं, और भारत के पिछले अनुभव को देखते हुए इसकी संभावनाएं बेहद उज्ज्वल हैं। अब सबकी निगाहें 31 अगस्त को जमा होने वाले फाइनल बिड प्रपोजल और नवंबर में होने वाली जनरल एसेंबली पर टिकी हैं। यदि यह दावेदारी सफल होती है, तो यह न केवल भारत की खेल यात्रा में एक ऐतिहासिक पड़ाव होगा, बल्कि देश को वैश्विक खेल मानचित्र पर और भी प्रमुख स्थान दिलाएगा।