संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में मंगलवार को भारत ने पाकिस्तान को कड़े शब्दों में फटकार लगाई। भारत ने साफ कहा कि पाकिस्तान को मानवाधिकार और कश्मीर जैसे मुद्दों पर दूसरों को उपदेश देने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, क्योंकि उसका अपना इतिहास अत्याचारों और मानवता विरोधी अपराधों से भरा हुआ है।
पाकिस्तान की सेना ने 1971 में ऑपरेशन सर्चलाइट के तहत पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में क्रूर दमन शुरू किया, जिसमें 30 लाख लोग मारे गए और महिला नागरिकों के साथ बलात्कार किया गया।
पाकिस्तान का झूठा प्रचार और भारत की प्रतिक्रिया
यह बयान उस समय आया, जब संयुक्त राष्ट्र की एक ओपन डिबेट के दौरान पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने यह आरोप लगाया कि कश्मीरी महिलाएं दशकों से यौन हिंसा झेल रही हैं। पाकिस्तान अक्सर कश्मीर को लेकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर गलत सूचनाएं फैलाता है और भारत पर झूठे आरोप लगाता है।
आतंकवाद पर भी वार
भारत ने अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान को आतंकवाद को बढ़ावा देने और शरण देने के मुद्दे पर भी घेरा। संयुक्त राष्ट्र में कई बार यह बात सामने आ चुकी है कि पाकिस्तान की जमीन का इस्तेमाल आतंकी संगठन करते हैं। कई आतंकी गुटों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों का समर्थन मिला है।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यह स्पष्ट कर दिया कि पाकिस्तान के पास नैतिक और राजनीतिक, दोनों ही स्तरों पर दूसरों को उपदेश देने का कोई आधार नहीं है। कश्मीर पर झूठा प्रचार करने से पाकिस्तान की छवि सुधरने वाली नहीं है, बल्कि दुनिया उसके अतीत और वर्तमान दोनों को देखकर ही उसका मूल्यांकन करेगी।
